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Jharkhand: साहिबगंज में छात्रों का बवाल, तीर धनुष से लैस आंदोलनकारियों ने दुकानें करवाईं बंद, कई जगह सड़क जाम

Student protest in Sahibganj 60/40 वाली नियोजन नीति को लेकर साहिबगंज में शनिवार सुबह छात्र सड़क पर उतर गए। छात्रों ने जगह-जगह सड़क जाम कर दिया है। सूचना पर सड़क पर उतरे छात्रों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 01 Apr 2023 03:35 PM (IST)
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60/40 वाली नियोजन नीति को लेकर साहिबगंज में छात्र सड़क पर उतरे

साहिबगंज, जागरण संवाददाता। साहिबगंज कॉलेज परिसर में स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास के छात्रों ने शनिवार की सुबह बाजार बंद करा दिया। छात्र राज्य सरकार द्वारा बनाई गई 60/40 वाली नियोजन नीति के विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने कई जगह सड़क जाम कर दिया।

शहर में शनिवार सुबह करीब 7.30 बजे ही आंदोलनकारी सड़क पर उतर गए। छात्रों ने टमटम स्टैंड, ग्रीन होटल मोड़, स्टेशन के समीप मुख्य मार्ग जाम कर दिया। आंदोलनकारी तीर धनुष से लैस थे। सूचना के बाद आंदोलनकारियों से निबटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

छात्रों के सड़क जाम करने पर आवागमन पूरी तरह ठप है। हालांकि, स्कूल खुले हुए हैं। नगर थाना प्रभारी धर्मपाल कुमार, जिरवाबाड़ी ओपी प्रभारी चिरंजीत प्रसाद, मुफस्सिल थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं।

(छात्रों को समझाते पुलिसकर्मी )

बता दें कि छात्रों ने सुबह में पूरे शहर का भ्रमण किया और लोगों से अपनी अपनी दुकान बंद रखने की अपील की। सुबह में दुकान खोलने पहुंचे दुकानदारों ने आंदोलनकारियों का रुख देखते हुए अपनी अपनी दुकान बंद रखने में ही भलाई समझी। जिन लोगों ने दुकान खोल रखा था, उन्होंने भी बंद कर दिया।

(दुकानें बंद)

(मौके पर मोर्चा संभाले पुलिस बल)

साहिबगंज कॉलेज से सुबह में आंदोलनकारियों ने जुलूस निकाला। यहां नगर थाना प्रभारी धर्मपाल कुमार ने उन्हें रोकने की कोशिश की। छात्रों का कहना था कि वे लोग गांधी चौक तक ही जाएंगे, जहां से लौट आएंगे। इस पर पुलिस सहमत हो गई। हालांकि, छात्र गांधी चौक से आगे बढ़ गए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानें।

क्या है 60/40 नियोजन नीति

बता दें कि हेमंत सोरेन सरकार की 60-40 के फॉर्मूले पर नियोजन नीति से छात्र गुस्से में हैं। इस नीति के तहत 60 प्रतिशत स्थानीय लोगों को और 40 प्रतिशत बाहरी लोगों को आरक्षण देने का प्रावधान है। छात्रों का कहना है कि इस नीति से स्थानीय लोगों की उपेक्षा होगी। छात्र खातियान आधारित नियोजन नीति बनाने की मांग कर रहे हैं।