Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

झारखंड के निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड पर नहीं हो रहा इलाज, विभाग की इस लापरवाही से भटकने को मजबूर हैं मरीज

झारखंड के कई निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड पर इलाज होने में समस्या आ रही है। साहिबगंज में ऐसे कई मामले सामने आए जहां आयुष्मान कार्ड धारियों को इधर-उधर चक्कर लगाना पड़ रहा है। छंजी मरांडी पथरी के मरीज में हैं। पथरी के इलाज के लिए वह दो नर्सिंग होम का चक्कर लगा चुके हैं लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।

By Pranesh Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 18 Jan 2024 07:08 PM (IST)
Hero Image
परेशान हो रहे मरीज, अधिकारियों से लगाई गुहार। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। झारखंड के कई निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड पर इलाज होने में समस्या आ रही है। साहिबगंज में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां आयुष्मान कार्ड धारियों को इधर-उधर चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसका कारण बीमा कंपनियों को बताया जा रहा है।

छंजी मरांडी पथरी के मरीज में हैं। पथरी के इलाज के लिए वह दो नर्सिंग होम का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। यही हाल राजमहल की रोजमन बीबी का है। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद वह हार्निया का ऑपरेशन कराने के लिए भटक रही है। महाराजपुर के निरनदास को प्रोस्टेट का ऑपरेशन कराना है। वह भी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं।

इनकी यह परेशानी स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल करीब एक साल से खराब होने के कारण है। इस वजह से निजी नर्सिंग होम को सीईए (क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट) के तहत प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है। विभाग द्वारा जारी ऑफलाइन प्रमाणपत्र ये अस्पताल नहीं मान रहे है।

जिला मुख्यालय के सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और दीप आई हॉस्पिटल और उधवा के न्यू उधवा नर्सिंग होम में आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज हो रहा था। पैसा फंसने के बाद इन अस्पतालों ने भी आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है। इस वजह से मरीज परेशान हैं।

उपायुक्त ने बुलाई अधिकारियों की बैठक

इस परेशानी के कारण निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे हर महीने औसतन पांच सौ मरीज प्रभावित हो रहे हैं। उपायुक्त के संज्ञान में इसे लाया गया है।

उन्होंने ने भी 12 जनवरी को अधिकारियों की बैठक बुलाकर इसे पटरी पर लाने की कोशिश की। लेकिन अभी तक परिणाम शून्य ही रहा है।

पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं होता है। इस वजह से यहां के मरीजों को झारखंड के अन्य जिलों या पड़ोसी राज्य बिहार जाना पड़ता है।

क्या कहते हैं हॉस्पिटल ?

मेरे संस्थान का सीईए 12 जुलाई 23 को समाप्त हो रहा था। उसके अवधि विस्तार के लिए 12 जून 23 को आवेदन दिया। पोर्टल की खराबी वजह से अब तक आनलाइन प्रमाणपत्र निर्गत नहीं पो पाया है। आफलाइन प्रमाणपत्र पर भुगतान में परेशानी हो रही है। इस वजह से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर दिया गया है।

डॉ. विजय कुमार, निदेशक, सूर्या सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल साहिबगंज

ऑनलाइन सीईए निर्गत न होने से काफी परेशानी हो रही है। बीमा कंपनियां ऑफलाइन प्रमाणपत्र पर इलाज की अनुमति नहीं दे रही है। इस वजह से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर दिया गया है।

देवव्रत दत्ता, प्रबंधक, न्यू उधवा नर्सिंग होम, उधवा

पोर्टल में खराबी की वजह से आनलाइन सीईए निर्गत नहीं हो रहा है। इस वजह से आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज में समस्या हो रही है। यह मामला संज्ञान में आया है। इसे दूर करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।

डॉ. अरविंद कुमार, सीएस, साहिबगंज

यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी से लेकर न्यूड वीडियो कॉल तक... साइबर धोखाधड़ी से कैसे करें बचाव; एक्सपर्ट ने दिए जरूरी टिप्स; आप भी कर लें नोट

RIMS Ranchi: अगले हफ्ते शुरू हो जाएगा न्यूरोसर्जरी का 50 बेड का वार्ड, बन्‍ना गुप्‍ता करेंगे उद्घाटन; मिलेगी हाई-फाई सुविधाएं