ओडिशा ट्रेन हादसा: हर ओर बिछी थीं लाशें, चारों तरफ था खून ही खून, मौत के मुंह से बाहर आए दो भाइयों की कहानी
ओडिशा रेल हादसे की घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसकी चपेट में आकर कई मासूमों ने अपनी जिंदगी गवां दी कई अपनों से जुदा हो गए। कुछ खुशकिस्मत रहे जिन्हें ईश्वर ने दूसरी जिंदगी दी और अपनों से भी मिलाया।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 05 Jun 2023 09:06 AM (IST)
शंकर लाल घोषlबरहड़वा (साहिबगंज)। ओडिशा के बालेश्वर में ट्रेन हादसे ने पूरी दुनिया को थर्रा दिया है। साहिबगंज के बरहड़वा की रामनगर पंचायत के बड़तल्ला बसंतपुर गांव के रामसुंदर रमानी और रामरूप रमानी भी इसी ट्रेन से केरल जा रहे थे। दोनों जब रविवार को गांव सकुशल आ गए तो स्वजन रो पड़े। पूरा गांव उनको देखने उमड़ पड़ा। सब यही कह रहे थे कि भगवान की कृपा से दोनों जिंदा बच गए।
धमाके की आवाज होने के साथ एक-दूसरे पर गिरने लगे लोग
दोनों भाइयों का कहना था कि अचानक धमाके की आवाज हुई, लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। कई की जान चली गई, लाशें देख रोंगटे खड़े हो गए। फिर बेहोश हो गए। दोनों भाइयों ने बताया कि गांव में काम नहीं मिलने की वजह से परिवार के भरण पोषण के लिए केरल जाने के लिए घर से निकले थे। हावड़ा स्टेशन से कोरोमंडल एक्सप्रेस पकड़ कर जनरल बोगी में बैठे।मौत को सामने देख आंखों के सामने छा गया अंधेरा
बालासोर के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास करीब तीन बजे जोरदार धमाका हुआ। ट्रेन पटरी छोड़कर पलटने लगी। गाड़ी में कोहराम मच गया। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।मौत को सामने देख आंखों में अंधेरा छा गया। हर ओर मौत का मंजर था। कब हम बेहोश हो गए, पता नहीं चला। रामसुंदर ने बताया कि होश आया तो डिब्बे के बाहर थे। हर ओर लाशें देख रो पड़े। चारों ओर खून ही खून था। तब अपने भाई रामरूप को खोजने लगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।