गरीब-अनाथ बच्चों के चंद रुपयाें पर पड़ी अधिकारी की नजर, स्पॉन्सशिप योजना के हर 4 हजार पर 1 हजार ले रहे
कोरोना काल में कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। कई जिंदगियां तबाह हो गईं। अनाथ बच्चों की पढ़ाई में कोई रूकावट न आए इसके लिए सरकार ने इन्हें स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा। इसके तहत प्रतिमाह चार हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लेकिन अब अधिकारियों की नजर इस राशि पर पड़ी है जो इन पैसों के बदले कमीशन मांगते हैं।
गरीब बच्चों की स्पॉन्सरशिप राशि से खिलवाड़
यह है मामला
राशि के पहुंचते ही घर आ जाते बाल संरक्षण पदाधिकारी
राशि के बैंक में पहुंचते ही जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष कुमार मोटरसाइकिल से उनके घर पहुंच जाते हैं और राशि पहुंचने की बात पूछते हैं और फिर एक-एक हजार रुपये की मांग करते हैं। जब उन लोगों ने राशि देने से इंकार किया, तो एक बच्चे का नाम स्पाॅन्सरशिप योजना से काट देने की धमकी देते हैं। जिसके कारण उन लोगों ने तीन बार में ढाई हजार रुपये संतोष कुमार को दे चुके हैं। संतोष कुमार द्वारा रुपयों के लिए धमकाने से वे लोग परेशान होकर इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष से की है। इस मामले को लेकर वे उपायुक्त से भी शिकायत करेंगे।जिले में 250 बच्चों को स्पान्सरशिप योजना के तहत लाभ मिल रहा है। मेरे ऊपर रुपये मांगने का आरोप बेबुनियाद है। मैं लाभुकों के घर जाता हूं बच्चों का हाजिरी चेक करने के लिए- संतोष ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी।
यह भी पढ़ें: एक ही बाइक पर चार-चार युवक मेला देख लौट रहे थे घर, सड़क हादसे में दो की मौत व दो की हालत गंभीर, किया गया रेफरमुझे लाभुक पुष्पा महतो ने फोन कर मामले की जानकारी दी। मैं गुरुवार को लाभुक के घर जांच में गया तो मामले को सही पाया। लाभुक को मिलने वाली स्पान्सरशिप की राशि से एक हजार रुपये की मांग की जा रही है। इस मामले में मैंने संज्ञान लिया है। उपायुक्त को इस मामले से अवगत कराउंगा ताकि करीब के भरण पोषण के लिए मिलने वाली राशि को वे किसी पदाधिकारी को क्यों दें- रोहित महतो, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति।