चांडिल-मुरी रेलखंड पर फिर हादसा, वन विभाग की लापरवाही से गई हाथी की जान; ट्रेन सेवा ठप्प होने से यात्री परेशान
सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह में चांडिल-मुरी रेलखंड पर एक हाथी की मौत हो गई है। इससे मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है और मार्ग पर रेल सेवा बाधित है। हाथी की इस मौत के लिए स्थानीय निवासी वन विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ट्रेन से कटकर हाथी की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसा इस क्षेत्र में अक्सर होते रहता है।
जागरण संवाददाता, नीमडीह। चांडिल-मुरी रेलखंड पर एक बार फिर वन विभाग की लापरवाही के चलते हाथी की जान चली गई। बाकरकुड़ी-लेटेमदा के बीच रेलवे ट्रैक पार करते समय गुरुवार को एक हाथी ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रेलवे ट्रैक पर ट्रेन सेवा बाधित
हादसे में रेलवे का बिजली पोल भी टूट गया, जिसके कारण दोनों तरफ से ट्रेन सेवा बाधित हो गई और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और रेलवे लाइन क्लियर करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
गौरतलब है कि इस रेलखंड पर हाथियों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। 11 जनवरी 2023 को भी गुंडा बिहार स्टेशन के निकट ट्रेन से कटकर एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में 19-20 हाथियों का झुंड विचरण करते रहता है और रेलवे ट्रैक पार करते समय आए दिन हादसे होते रहते हैं।
हाथियों की सुरक्षा के लिए विभाग नहीं उठा रहा ठोस कदम
सवाल यह है कि वन विभाग आखिर कर क्या रहा है? क्या विभाग हाथियों की सुरक्षा के प्रति इतना उदासीन है कि उसे इन बेजुबान जानवरों की जान की कोई परवाह नहीं है?स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा हाथियों के झुंड की निगरानी और सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिसके कारण आए दिन ऐसे हादसे होते रहते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।वन विभाग की नाकामी के कारण बढ़ रहे हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब वन विभाग की लापरवाही के चलते हाथियों की जान गई हो। 4 फरवरी, 2021 को ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में भी रेलवे ट्रैक पार करते समय एक मालगाड़ी की चपेट में आने से दो हाथियों की मौत हो गई थी।ऐसे हादसे वन विभाग की नाकामी की पोल खोलते हैं। विभाग को हाथियों के झुंड की सुरक्षा के लिए गंभीरता से कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।वन्यजीव संरक्षण के दावे खोखले
वन विभाग वन्यजीव संरक्षण के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हकीकत में जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है। हाथियों की मौत के ये मामले वन विभाग के दावों की पोल खोलते हैं। विभाग को चाहिए कि वह हाथियों की सुरक्षा के लिए गंभीरता से कदम उठाए, न कि सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए।हाथियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
- हाथियों के विचरण क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग लगाई जाए।
- हाथियों के झुंड की निगरानी के लिए विशेष दल का गठन किया जाए।
- ट्रेन चालकों को हाथियों के संभावित क्रासिंग प्वाइंट पर सतर्क रहने के निर्देश दिए जाएं।
- स्थानीय लोगों को हाथियों के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाए।