छऊ नृत्य सांस्कृतिक धरोहर, इसे बचाना सभी का कर्त्वय : चंपई सोरेन
आदिवासी कल्याण मंत्री सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि छऊ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इससे बचाये रखना हम सभी का कर्त्वय छऊ नृत्य नहीं बल्कि जीवन शैली है।
जासं, सरायकेला : आदिवासी कल्याण मंत्री सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि छऊ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इससे बचाये रखना हम सभी का कर्त्वय छऊ नृत्य नहीं बल्कि जीवन शैली है। इस नृत्य में बिना कुछ बोले अपनी भावभंगिमा से रामायण, महाभारत व अन्य पौराणिक कथाओं को दिखाने की कला देखने को मिलती है। यह बगैर कुछ कहे समाज हित में नया संदेश देती है। उक्त बातें गुरुवार को आचार्य छऊ नृत्य विचित्रा द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय सरायकेला छऊ नृत्य उन्मुखीकरण कार्यशाला के समापन पर कही। इसका आयोजन इंद्रटांडी सामुदायिक भवन प्रांगण में हुआ। वे समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। ज्ञात हो कि कार्यशाला का शुभारंभ सात जनवरी को हुआ था।
उन्होंने छऊ नृत्य की तारीफ करते हुए कहा कि सरायकेला-खरसावां जिले में तीन तीन शैली के नृत्य देखने को मिलते हैं। सरायकेला शैली के साथ-साथ मयूरभंज व मानभूम शैली छऊ भी विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने में सफल है। अन्य लोक कलाओं से छऊ को विकसित कला बताते हुए छऊ नृत्य में मुद्रा संयोजन काफी विकसित है। साथ ही उन्होंने छऊ को सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग करार दिया।