खरसावां में आज बलिदानियों को श्रद्धांजलि देंगे राज्यपाल व मुख्यमंत्री, जानिए एक जनवरी 1948 को क्या हुआ था
Kharsawan shootout एक जनवरी 1948 को हुए आदिवासियों और ओडिशा पुलिस के बीच खूनी संघर्ष को आज भी याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आज राज्यपाल डॉ. सीपी राधाकृष्णन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मंत्री चंपई सोरेन विधायक दशरथ गागराई आदि खरसावां पहुंचेंगे। सुबह लगभग 11 बजे बलिदानियों को श्रद्धंजलि देने का कार्यकर्म निर्धारित है ।
जागरण संवाददाता, सरायकेला। बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि देने के निमित्त राज्यपाल डा. सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मंत्री चंपई सोरेन, विधायक दशरथ गागराई आदि सोमवार को खरसावां पहुंचेंगे।
बलिदान स्थल पर सुबह लगभग आठ बजे देउरी विजय सिंह गागराई द्वारा पारंपरिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा व राज्यपाल डा. सीपी राधाकृष्णन सुबह लगभग 11 बजे बलिदानियों को श्रद्धंजलि देने के बाद गोंडपुर मैदान में लगे कृषि मेला को संबोधित करेंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगभग एक बजे बलिदान स्थल पहुंचेंगे और श्रद्धांजलि देने के बाद सभा को संबोधित करेंगे। बताते चलें कि एक जनवरी 1948 को आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा ने खरसावां-सरायकेला का ओडिशा में विलय करने के विरोध में खरसावां हाट मैदान में जनसभा बुलाई थी।
इस सभा में हिस्सा लेने के लिए जमशेदपुर, रांची, सिमडेगा, खूंटी ,तमाड़, चाईबासा और दूरदराज के इलाके से आदिवासी आंदोलनकारी पारंपरिक हथियारों से लैस होकर खरसावां पहुंचे थे। इसी दौरान पुलिस और जनसभा में पहुंचे लोगों में किसी बात को लेकर संघर्ष हो गया। तभी अचानक फायरिंग शुरू हो गई और पुलिस की गोलियों से सैकड़ों की संख्या में लोग बलिदान हो गए।
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