तबरेज के पिता की 12 साल पहले गला काटकर की गई थी हत्या, जानिए- क्या थी वजह
Jharkhand Mob Lynching. जिस तबरेज अंसारी की चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के बाद मौत हुई उसके पिता की भी चोरी के आरोप में हत्या की गई थी।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Wed, 26 Jun 2019 09:34 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के बाद सरायकेला जेल में पुलिस हिरासत में दम तोडऩे वाले तबरेज अंसारी के पिता मसकूर अंसारी के पिता की भी 12 साल पहले गला काटकर हत्या कर दी गई थी। सरायकेला थाना के ही एक अधिकारी ने बताया कि मसकूर अंसारी अपराधी प्रवृति का था और सरायकेला व बागबेड़ा थाने में उसके खिलाफ चोरी व डकैती के कई मामले दर्ज थे। कई बार वह जेल भी जा चुका था।
घटना 2007 की है। घर से गायब होने के तीन दिन बाद मसकूर व पश्चिमी सिंहभूम के मझगांव के रहने वाले उसके साथी की सड़ी-गली लाश मिली थी। गला कटा हुआ था। घ्दोनों के शव बागबेड़ा थाना क्षेत्र मतलाडीह व राजनगर के बीच जंगल में मिले थे। मसकूर का सिर गायब था। कपड़े व जूते से शव की पहचान की जा सकी थी। हालांकि परिजनों ने किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया था, ऐसे में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
तबरेज की मौत के बाद उसके परिवार की भी पृष्ठभूमि जानने के क्रम में यह जानकारी सामने आई है। स्थानीय लोगों ने भी तबरेज के पिता की मौत को मॉब लिंचिंग कहने को साफ तौर पर गलत बताया। तबरेज के चाचा का मकसूर अंसारी का कहना है कि जब तीन दिन बाद सड़ी-गली लाश मिली थी तो मॉब लिंचिंग कैसे हो सकता है।
स्थानीय नेता मो. मोसाहिद खान उस समय 25 साल के थे। उन्होंने घटना को याद करते हुए बताया कि जैसे ही हम सबको पता चला, कदमडीहा गांव के सैकड़ों लोग बागबेड़ा पहुंचे थे। ग्र्रामीणों की भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद थी। मसकूर का सिर गायब था। बहुत कोशिशों के बाद उनका सिर मिला।
बाद में कदमडीहा लाकर दोनों के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उस समय तबरेज काफी छोटा था। बाद में तबरेज की मां की भी मौत हो गई। तबरेज को उनके चाचा मकसूर अंसारी ने पाला पोसा।
घटना 2007 की है। घर से गायब होने के तीन दिन बाद मसकूर व पश्चिमी सिंहभूम के मझगांव के रहने वाले उसके साथी की सड़ी-गली लाश मिली थी। गला कटा हुआ था। घ्दोनों के शव बागबेड़ा थाना क्षेत्र मतलाडीह व राजनगर के बीच जंगल में मिले थे। मसकूर का सिर गायब था। कपड़े व जूते से शव की पहचान की जा सकी थी। हालांकि परिजनों ने किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया था, ऐसे में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
तबरेज की मौत के बाद उसके परिवार की भी पृष्ठभूमि जानने के क्रम में यह जानकारी सामने आई है। स्थानीय लोगों ने भी तबरेज के पिता की मौत को मॉब लिंचिंग कहने को साफ तौर पर गलत बताया। तबरेज के चाचा का मकसूर अंसारी का कहना है कि जब तीन दिन बाद सड़ी-गली लाश मिली थी तो मॉब लिंचिंग कैसे हो सकता है।
स्थानीय नेता मो. मोसाहिद खान उस समय 25 साल के थे। उन्होंने घटना को याद करते हुए बताया कि जैसे ही हम सबको पता चला, कदमडीहा गांव के सैकड़ों लोग बागबेड़ा पहुंचे थे। ग्र्रामीणों की भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद थी। मसकूर का सिर गायब था। बहुत कोशिशों के बाद उनका सिर मिला।
बाद में कदमडीहा लाकर दोनों के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उस समय तबरेज काफी छोटा था। बाद में तबरेज की मां की भी मौत हो गई। तबरेज को उनके चाचा मकसूर अंसारी ने पाला पोसा।
तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में दो थानेदार निलंबित, SIT करेगी जांच
सरायकेला के धातकीडीह गांव में भीड़ की पिटाई के बाद युवक तबरेज अंसारी की हिरासत में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में पुलिस अब तक कई आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा मामले की प्रारंभिक जांच के बाद लापरवाही के दोषी पाए गए खरसावां थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरांव और सीनी के ओपी प्रभारी सहायक अवर निरीक्षक विपिन बिहारी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। घटना की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) करेगी।
सरायकेला के धातकीडीह गांव में भीड़ की पिटाई के बाद युवक तबरेज अंसारी की हिरासत में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में पुलिस अब तक कई आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा मामले की प्रारंभिक जांच के बाद लापरवाही के दोषी पाए गए खरसावां थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरांव और सीनी के ओपी प्रभारी सहायक अवर निरीक्षक विपिन बिहारी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। घटना की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) करेगी।
इस मामले में पुलिस ने 22 जून को ही ग्रामीणों के खिलाफ तबरेज को हत्या की नीयत से पीटने का मामला दर्ज करने के बाद पप्पू मंडल को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं सोमवार को पुलिस ने घटना के चार अन्य आरोपितों धातकीडीह निवासी कमल महतो, प्रेमचंद माहली, भीम मंडल और सोनामू प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया।
17 जून को हुई थी पिटाई, 22 को हिरासत में मौत
17 जून की रात कदमडीहा गांव के लोगों ने युवक तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में पीटा था। ग्रामीणों का आरोप है कि तबरेज अपने दो साथियों के साथ कमल महतो के घर चोरी की मंशा से घुसने की कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि जब तबरेज को पकड़ा गया तो उसके दो साथी नुमैर अली और शेख इरफान भाग निकले। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ग्रामीण तबरेज को पीट रहे हैं।
17 जून की रात कदमडीहा गांव के लोगों ने युवक तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में पीटा था। ग्रामीणों का आरोप है कि तबरेज अपने दो साथियों के साथ कमल महतो के घर चोरी की मंशा से घुसने की कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि जब तबरेज को पकड़ा गया तो उसके दो साथी नुमैर अली और शेख इरफान भाग निकले। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ग्रामीण तबरेज को पीट रहे हैं।
तबरेज की पिटाई के दो वीडियो हैं। पहले में उसे सड़क किनारे बैठा कर डंडों से पीटा जा रहा है और दूसरे वीडियो में तबरेज को बिजली के खंभे से बांध कर पीटा जा रहा है। पत्नी शाइस्ता परवीन का आरोप है कि तबरेज को पीटकर लोग उसे जय श्रीराम के नारे लगवाने के लिए मजबूर कर रहे थे। तबरेज के परिजनों ने पुलिस पर भी तबरेज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
उपायुक्त ने गृह विभाग को भेजी रिपोर्ट
सरायकेला के उपायुक्त ने गृह विभाग को भेजी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 18 जून को सुबह पांच बजे घटना की सूचना पाकर सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और तबरेज को बचाया। ग्रामीणों ने तबरेज के खिलाफ चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने प्राथमिक इलाज कराने के बाद तबरेज को जेल भेज दिया। जेल में 22 जून को तबरेज अंसारी की हालत नाजुक हो गई।वो बेहोश हो गया तो पुलिस ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा था जहां उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी परिजनों की संतुष्टि के लिए तबरेज को जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल टीएमएच लाया गया। यहां डाक्टरों ने उसे मृत बताया था। परिजनों की शिकायत पर धातकीडीह के पप्पू मंडल समेत 100 अन्य लोगों पर हत्या की नीयत से तबरेज को पीटने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तबरेज के परिजनों ने मांगा इंसाफ, दोषी अफसरों को बर्खास्त करने की मांग
चोरी के आरोप में भीड़ के हाथों पिटाई के बाद जेल में हुई तबरेज अंसारी की मौत मामले की जानकारी लेने मंगलवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग की एक टीम सरायकेला खरसावां जिले के कदमडीहा गांव पहुंची।आयोग के अध्यक्ष कमाल खान, उपाध्यक्ष अशोक षाडंगी और गुरुदेव सिंह राजा ने तबरेज अंसारी के घर पहुंचकर परिजन से बात की। इसके बाद टीम घटनास्थल धातकीडीह भी गई। टीम को मृतक की पत्नी शाइस्ता परवीन, चाचा मसरूर आलम, कमसूद आलम ने घटना की विस्तार से जानकारी दी। तीनों ने सीनी ओपी प्रभारी, जेल के डॉक्टर व जेलर पर इलाज कराने में कोताही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने दोषी अफसरों को बर्खास्त करने की मांग की। डीसी और एसपी बोले- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
सरायकेला खरसावां के डीसी छवि रंजन और पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने सोमवार की देर रात तबरेज अंसारी के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। परिजन से कहा कि दोषी किसी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। प्रशासन गहनता से मामले की जांच कर रहा है। मामले में अबतक कुल 11 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मॉब लिंचिंग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल
सरायकेला-खरसावां में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका जनसभा के महासचिव पंकज कुमार यादव ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि 18 मार्च 2016 से अब तक मॉब लिंचिंग में 18 लोगों की जान जा चुकी है। रामगढ़ में हुई घटना के बाद से इस तरह के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। इन घटनाओं की जांच भी सही तरीके से नहीं की जाती है। जिसकी वजह से आरोपितों को राहत मिल जाती है।इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया है। जिसके तहत राज्य सरकार को एक वरीय पुलिस अधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने, मॉब लिंचिंग की घटना होने वाले जिलों को चिन्हित करना, डीजीपी और गृह सचिव इसको लेकर नियमित बैठक करने सहित अन्य बिंदु शामिल हैं, ताकि इस पर रोक लगाई जा सके। राज्य में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का अभी तक पालन नहीं किया है। सरायकेला -खरसावां की घटना के साथ-साथ अन्य मामलों की सीबीआइ जांच की मांग की गई है। इस याचिका में दैनिक जागरण में 25 जून के अंक में प्रकाशित खबर का भी हवाला दिया गया है। जिसमें मॉब लिंचिंग से मारे गए लोगों के नाम प्रकाशित हुए हैं।जानें, कब क्या हुआ
17 जून की रात : खरसावां के धातकीडीह के पास ग्रामीणों ने कदमडीहा निवासी तबरेज को चोरी के आरोप में पकड़ कर की थी पिटाई
18 जून : पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर तबरेज को भेजा था जेल।
22 जून : जेल में बेहोश होने पर सरायकेला के अस्पताल में कराया गया था भर्ती। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
22 जून : तबरेज के परिजनों की शिकायत पर खरसावां थाने में पप्पू मंडल समेत 100 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज।
23 जून : एक आरोपित पप्पू मंडल गिरफ्तार
24 जून : चार अन्य आरोपित गिरफ्तार, थाना प्रभारी और सीनी ओपी प्रभारी निलंबितलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सरायकेला के उपायुक्त ने गृह विभाग को भेजी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 18 जून को सुबह पांच बजे घटना की सूचना पाकर सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और तबरेज को बचाया। ग्रामीणों ने तबरेज के खिलाफ चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने प्राथमिक इलाज कराने के बाद तबरेज को जेल भेज दिया। जेल में 22 जून को तबरेज अंसारी की हालत नाजुक हो गई।वो बेहोश हो गया तो पुलिस ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा था जहां उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी परिजनों की संतुष्टि के लिए तबरेज को जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल टीएमएच लाया गया। यहां डाक्टरों ने उसे मृत बताया था। परिजनों की शिकायत पर धातकीडीह के पप्पू मंडल समेत 100 अन्य लोगों पर हत्या की नीयत से तबरेज को पीटने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तबरेज के परिजनों ने मांगा इंसाफ, दोषी अफसरों को बर्खास्त करने की मांग
चोरी के आरोप में भीड़ के हाथों पिटाई के बाद जेल में हुई तबरेज अंसारी की मौत मामले की जानकारी लेने मंगलवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग की एक टीम सरायकेला खरसावां जिले के कदमडीहा गांव पहुंची।आयोग के अध्यक्ष कमाल खान, उपाध्यक्ष अशोक षाडंगी और गुरुदेव सिंह राजा ने तबरेज अंसारी के घर पहुंचकर परिजन से बात की। इसके बाद टीम घटनास्थल धातकीडीह भी गई। टीम को मृतक की पत्नी शाइस्ता परवीन, चाचा मसरूर आलम, कमसूद आलम ने घटना की विस्तार से जानकारी दी। तीनों ने सीनी ओपी प्रभारी, जेल के डॉक्टर व जेलर पर इलाज कराने में कोताही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने दोषी अफसरों को बर्खास्त करने की मांग की। डीसी और एसपी बोले- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
सरायकेला खरसावां के डीसी छवि रंजन और पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने सोमवार की देर रात तबरेज अंसारी के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। परिजन से कहा कि दोषी किसी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। प्रशासन गहनता से मामले की जांच कर रहा है। मामले में अबतक कुल 11 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मॉब लिंचिंग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल
सरायकेला-खरसावां में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका जनसभा के महासचिव पंकज कुमार यादव ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि 18 मार्च 2016 से अब तक मॉब लिंचिंग में 18 लोगों की जान जा चुकी है। रामगढ़ में हुई घटना के बाद से इस तरह के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। इन घटनाओं की जांच भी सही तरीके से नहीं की जाती है। जिसकी वजह से आरोपितों को राहत मिल जाती है।इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया है। जिसके तहत राज्य सरकार को एक वरीय पुलिस अधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने, मॉब लिंचिंग की घटना होने वाले जिलों को चिन्हित करना, डीजीपी और गृह सचिव इसको लेकर नियमित बैठक करने सहित अन्य बिंदु शामिल हैं, ताकि इस पर रोक लगाई जा सके। राज्य में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का अभी तक पालन नहीं किया है। सरायकेला -खरसावां की घटना के साथ-साथ अन्य मामलों की सीबीआइ जांच की मांग की गई है। इस याचिका में दैनिक जागरण में 25 जून के अंक में प्रकाशित खबर का भी हवाला दिया गया है। जिसमें मॉब लिंचिंग से मारे गए लोगों के नाम प्रकाशित हुए हैं।जानें, कब क्या हुआ
17 जून की रात : खरसावां के धातकीडीह के पास ग्रामीणों ने कदमडीहा निवासी तबरेज को चोरी के आरोप में पकड़ कर की थी पिटाई
18 जून : पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर तबरेज को भेजा था जेल।
22 जून : जेल में बेहोश होने पर सरायकेला के अस्पताल में कराया गया था भर्ती। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
22 जून : तबरेज के परिजनों की शिकायत पर खरसावां थाने में पप्पू मंडल समेत 100 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज।
23 जून : एक आरोपित पप्पू मंडल गिरफ्तार
24 जून : चार अन्य आरोपित गिरफ्तार, थाना प्रभारी और सीनी ओपी प्रभारी निलंबितलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप