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नीलांचल एक्सप्रेस के ऊपर टूटकर गिरा ओवरहेड तार, दो यात्रियों की हालत गंभीर; इन ट्रेनों का रूट चेंज

दक्षिण पूर्व रेलवे के चांडिल मुरी क्षेत्र के सुइसा स्टेशन के पास बड़ा हादसा हो गया। नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन पर ओवरहेड तार टूटकर गिरने से कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह नीलांचल एक्सप्रेस नई दिल्ली से पुरी जा रही थी। जब ट्रेन सुइसा स्टेशन के पास से गुजर रही थी उसी वक्त बिजली का तार टूट गया।

By Ch Rao Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sat, 01 Jun 2024 12:50 PM (IST)
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नीलांचल एक्सप्रेस के ऊपर टूटकर गिरा ओवरहेड तार, दो यात्री की हालत गंभीर (फोटो- जागरण)
जागरण टीम, नीमडीह/चक्रधरपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे के चांडिल मुरी क्षेत्र के सुइसा स्टेशन के पास नीलाचल एक्सप्रेस ट्रेन पर ओवरहेड तार टूटकर जा गिरा। इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। शनिवार की सुबह नई दिल्ली से पुरी जा रही नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन दक्षिण पूर्व रेलवे के सुइसा स्टेशन के पास से जा रही थी तभी बिजली का तार टूट गया।

झटके के तुरंत बाद ट्रेन के कुछ यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। उत्तरप्रदेश के रायबरेली जिला अंतर्गत समसपुर हलोर गांव के राहुल कुमार (30 वर्ष) एवं रायबरेली जिला के ही सरौरा गांव के राम शंकर (38 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गए।

उनके बचाव कार्य में जीआरपी, आरपीएफ, सुईसा चौकी पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। घटना के 2 घंटे बाद तक‌ ट्रेन वहीं पर रुकी रही। सुबह लगभग 10:30 इस ट्रेन को वहां से रवाना किया गया।

बिजली तार गिरने से ट्रेन परिचालन बाधित

चांडिल मुरी के बीच सुइसा रेलवे स्टेशन के पास हुए ट्रेन हादसे के कारण इस रूट से गुजरने वाली बरकाकाना टाटा पैसेंजर और टाटा हटिया मेमू पैसेंजर ट्रेन का मार्ग बदल दिया गया है । एक जून को खुलने वाली ट्रेन संख्या 08152 बरकाकाना टाटा पैसेंजर ट्रेन मुरी कोटशिला पुरुलिया चांडिल होते हुए टाटा जाएगी।

वहीं, ट्रेन संख्या 08195 टाटा हटिया मेमू पैसेंजर ट्रेन चांडिल पुरुलिया कोटशिला मुरी होते हुए हटिया जाएगी। मालूम रहे की चांडिल और मुरी रेलवे स्टेशन के बीच सुईसा रेलवे स्टेशन में आनंद विहार टर्मिनल पूरी नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन के ऊपर हाई टेंशन बिजली का ओवरहेड तार गिरने से दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिसके कारण इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है।

गेट पर खड़े होकर यात्रा करना हो सकता है खतरनाक

चलती ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर यात्रा करना कितना खतरनाक हो सकता है यह प्रमाण शुक्रवार को उस समय देखने को मिला जब 12876 आनंद विहार-पुरी नीलांचल एक्सप्रेस एक दुर्घटना हुई जिसमें दो यात्री बुरी तरह से जख्मी हो गए।

घटना आद्रा डिवीजन के मुरी सेक्शन में सुइसा और जिरुलडीह स्टेशन के बीच हुई। घटना सुबह साढ़े सात बजे की है। जब ट्रेन के जनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे दो यात्रियों से टूटे हुए पेट्रों तार टूटकर गिर गया। इस घटना से एक यात्री का मुंह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि दूसरे यात्री के सिरे पर गंभीर रूप से चोट आई है।

रेल सूत्रों के अनुसार घटना के बाद डिब्बे में मौजूद यात्रियों ने चेन खीचकर ट्रेन को रोका। दुर्घटना के बाद ट्रेन लगभग दो घंटे तक खड़ी रही। घटना की जानकारी मिलने के बाद आद्रा डिवीजन से एक क्विक रिस्पांस टीम को मौके पर भेजा गया है।

रांची डिविजन के सुइसा स्टेशन पर हुई दुर्घटना में एक यात्री की मौत

रांची डिवीजन के सुइसा व जिरुलडीह स्टेशन के बीच हुई दुर्घटना में एक यात्री राहुल पटेल (30 वर्ष) की मौत होने की सूचना मिल रही है। मृतक रायबरेली के हलोल का निवासी है और इनके पास स्लीपर क्लास का वेटिंग टिकट था। सीट नहीं मिलने के कारण मृतक अपने साथी रामाशंकर के साथ ए-1 कोच के गेट पर बैठ कर सफर कर रहा था। इन्होंने रायबरेली से टाटानगर के लिए टिकट लिया था।

रेल अधिकारियों की माने तो ट्रेन परिचालन के लिए सभी रेल पटरी के ऊपर ओवरहेड वायर (ओएचई) रहता है, जिसमें 33 हजार वोल्ट की बिजली प्रवाहित होती है। प्रथम दृष्टता यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ओवरहेड तार पेंटो के उलझने से बहुत बड़ी चिंगारी निकली और गेट पर सफर कर रहे दोनों यात्रियों को जा लगी। घटना के बाद सेक्शन में दो घंटे ट्रेन रूकी रही।

टाटानगर में भी बचा हूटर

घटना के बाद लगभग पौने आठ बजे टाटानगर रेलवे स्टेशन पर भी पांच बार हूटर बजा। इसके बाद तत्काल मेडिकल रिलीफ ट्रेन को घटना स्थल की ओर रवाना किया गया। इसमें रेलवे अस्पताल के डाक्टर, इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी से लेकर सिविल डिफेंस की टीम भी गई है, लेकिन दुर्घटना में यात्रियों की संख्या नगण्य होने और रांची से रिलीफ ट्रेन पहुंचने की सूचना मिलने पर टाटानगर की टीम झुमरी स्टेशन से वापस लौट गई।

इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही आ रही है सामने

इस घटना में रांची डिविजन के इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही सामने आ रही है, जिन्होंने समय पर मेंटनेंस का काम नहीं किया। हालांकि, कुछ का कहना है कि गर्मी के कारण तार गर्म होकर लटक जाते हैं जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। वहीं, कुछ अधिकारी दबी जुबान से कह रहे हैं कि सेक्शन में मालगाड़ी और कोचिंग ट्रेनों की ट्रैफिक इतनी बढ़ गई है कि चार घंटे का ब्लाक मांगने पर उन्हें केवल एक घंटे का ब्लाक दिया जाता है। ऐसे में कर्मचारी भी हड़बड़ी में काम निपटातें है।

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