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चंपई के गृह जिले के 1 थाने में पुलिस कर्मियों की भारी कमी, 6 पदाधिकारी और दो सिपाही के भरोसे 254 गांव; बढ़ी परेशानी

झारखंड के राजनगर थाना पुलिसकर्मियों की भारी कमी से जूझ रहा है। सिर्फ छह पुलिस पदाधिकारी और दो सिपाही के भरोसे 254 गांव का काम चल रहा है। बता दें कि यह थाना चंपई सोरेन के गृह जिले में पड़ता है। पुलिसकर्मियों की कमी से जनता को परेशानी हो रही है और मुकदमों की जांच भी प्रभावित हो रही है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 16 Sep 2024 01:20 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सूत्र, राजनगर। 254 रैयती गांव और लगभग 458 वर्ग किमी में फैला राजनगर थाना इन दिनों पुलिस अफसरों और संसाधनों की भारी कमी से जूझ रहा है। इतने बड़े क्षेत्र में विधि व्यवस्था की जिम्मेदारी सिर्फ छह पुलिस पदाधिकारी और दो सिपाही के भरोसे चल रहा है।

इससे फरियाद लेकर आने वाले जनता को काफी परेशानी हो रही है। पुलिस अफसरों की कमी की वजह से जनता का काम समय पर नहीं हो पाता। गश्त के लिए केवल एक पीसीआर वैन है। जिससे दिन- रात गश्ती होती है। विधि व्यवस्था का जायजा लेने के लिए थाना प्रभारी के पास केवल एक वाहन है।

छह पुलिस पदाधिकारियों में तीन की ड्यूटी गश्ती में रहती है, जबकि तीन ही अफसर ऑफिस ड्यूटी में बच जाते हैं। ऐसे में यदि केस का अनुसंधान में अगर कोई पदाधिकारी लग जाता है, तो ऑफिस और गश्ती ड्यूटी निभाना कितना कठिन होता होगा। यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इससे मुकदमों की जांच अटक जाती है।

समय पर मामलों की चार्जशीट नहीं लग पाती है। थाना में तैनात पुलिस कर्मियों को ड्यूटी निभाने में काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है। मगर वरिय पुलिस अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं। इतने बड़े क्षेत्र में इतनी कम पुलिस फ़ोर्स से आखिर 24 घंटे ड्यूटी निभाना मुश्किल भरा काम है।

क्षेत्र के एक कोने में यदि कोई घटना घटती है तो दूसरे कोने से वहां तक पहुंचने में तक आधा से एक घंटा लग जाता है। ऐसे में यदि पर्याप्त पुलिस अफसर व बल की तैनाती रहती है तो विधि व्यवस्था को संभालने में आसानी होगी।

चंपई सोरेन का गृह जिला

पूर्व सीएम चंपई सोरेन का गृह जिला एवं विधानसभा क्षेत्र होने के नाते अक्सर क्षेत्र में चम्पाई का दौरा रहता है। वैसे भी यहां अति विशिष्ट अतिथि हाता चाईबासा मार्ग से गुजरते हैं, जिससे पेट्रोलिंग वाहन को वीआईपी का एस्कॉर्ट करना पड़ता है।

इससे आधे पुलिस फोर्स एस्कॉर्ट में लग जाते हैं और गश्ती का काम भी प्रभावित होता है। ऐसे में सड़क पर एक्सीडेंट और अन्य घटना दुर्घटनाएं होने पर पुलिस के लिए काफी चुनौती होता है, समय पर पहुंचना। यदि समय पर पुलिस नहीं पहुंचती है तो फिर जनता का आक्रोश झेलना पड़ता है।

ट्रांसफार के बाद दोबरा थाना में नहीं हुई पोस्टिंग

राजनगर थाना में ज़ब चंदन कुमार थाना प्रभारी थे, तब 14- 15 पुलिस अफसर और पर्याप्त सशस्त्र बल की तैनाती थी। परंतु ज़ब से यहां अधिकांश पुलिस अफसरों का ट्रांसफर हुआ।

उतनी संख्या में दोबारा अफसर और सशस्त्र बल की तैनाती नहीं हुई। वर्तमान में थाना में थाना प्रभारी के रूप में अमिश कुमार समेत छह पुलिस पदाधिकारी और दो सिपाही कार्यरत हैं।

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