झारखंड का यह क्षेत्र बना राजनीति का केंद्र, चंपई सोरेन समेत इन चार मुख्यमंत्रियों का रह चुका है गढ़
झारखंड की स्थापना 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर हुई। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में बाबूलाल मरांडी ने शपथ ली। इसके बाद अब तक विभिन्न पार्टियों के 12 विधायकों ने मुख्यमंत्री की शपथ ली। झारखंड की बागडोर संभालने का सौभाग्य कोल्हान के चार सपूतों को मिला जिसमें खरसावां विधानसभा से अर्जुन मुंडा ने 18 मार्च 2003 को दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
जागरण संवाददाता, सरायकेला। झारखंड राज्य की स्थापना 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर हुई थी। झारखंड राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में बाबूलाल मरांडी ने शपथ ली थी। इसके बाद अब तक विभिन्न पार्टियों के करीब 12 विधायकों ने मुख्यमंत्री की शपथ ली।
झारखंड की बागडोर संभालने का सौभाग्य कोल्हान के चार सपूतों को मिला, जिसमें खरसावां विधानसभा से विधायक रहे अर्जुन मुंडा ने 18 मार्च 2003 को झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
निर्दलीय विधायक रहे मधुकोड़ा ने पांचवे मुख्यमंत्री के रुप में 18 सितंबर 2006 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एक निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में पहले मुख्यमंत्री मधुकोड़ा हुए जो मुख्यमंत्री बने थे। पूर्वी विधानसभा से विधायक रहे रघुवर दास ने 28 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
रघुवर दास को छोड़कर किसी मुख्यमंत्री ने भी अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया। झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में सरायकेला विधानसभा से विधायक रहे चम्पाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को शपथ ली।
अर्जुन मुंडा बने तीन बार मुख्यमंत्री
झारखंड गठन के बाद अर्जुन मुंडा ने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पहली बार 18 मार्च 2003 से दो मार्च 2005 तक वे मुख्यमंत्री रहे। दो मार्च से 12 मार्च 2005 तक शिबू सोरेन मात्र 12 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने। लेकिन फिर से दूसरी बार 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने। फिर तीसरी बार 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री रहे।सरायकेला खरसावां जिले से बने दो मुख्यमंत्री
झारखंड में सरायकेला खरसावां एक ऐसा जिला है जहां सरायकेला व खरसावां विधानसभा से अलग अलग दो मुख्यमंत्री झारखंड को दिए। खरसावां विधानसभा से विधायक रहे अर्जुन मुंडा ने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वहीं सरायकेला विधानसभा से विधायक व मंत्री रहे चम्पाई सोरेन पहली बार 2 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
कोल्हान से चार चार मुख्यमंत्री बनने की खुशी कोल्हान में लोगों ने जाहिर की है, लेकिन कोल्हान के लोगों को एक ही बात का मलाल है कि सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम व पूर्वी सिंहभूम जिले के कई गांव ऐसे भी है जो आज भी विकास से कोसों दूर है।ये भी पढ़ें: Champai Soren: चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से झारखंड के लोग कितने खुश? पढ़ें जनता की प्रतिक्रिया
ये भी पढ़ें: Hemant Soren News: पहली बार सोरेन परिवार से छिनी मुख्यमंत्री की कुर्सी, जानिए अचानक कैसे बदली झारखंड की सियासत
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।