Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

World Snake Day: झारखंड के इस जिले में है सांपों की भरमार, हर घर से निकलते हैं सैंकड़ों सांप

World Snake Day हर साल 16 जुलाई को वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है और यह दिन साल 1970 से मनाया जा रहा है। ऐसे में झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में जहरीले सांपों की भरमार है और हर महीने यहां 20-25 लोग सांप के काटने से सदर अस्पताल पहुंचते हैं। इसको देखते हुए सदर अस्पताल में करीब 380 से 400 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

By Gurdeep Raj Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 15 Jul 2024 07:20 PM (IST)
Hero Image
अजगर को रेस्क्यू करता स्नैक मैन राजा बारिक

जागरण संवाददाता, सरायकेला। World Snake Day इंसानों के साथ साथ कई जीव-जंतुओं भी इस पृथ्वी में निवास करते हैं। पृथ्वी में कई प्रकार के कीट-पतंगे, जानवर, पक्षी और जीव-जंतु आदि पाए जाते हैं।

सांप इन्हीं में से एक है। सांप एक ऐसा जीव है, जिसे देखते ही लोग डर से कांपने लगते हैं। लेकिन साल में एक दिन ऐसा भी है, जो खासतौर पर सांपों के लिए समर्पित है।

16 जुलाई को मनाया जाता है वर्ल्ड स्नेक डे

प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई को वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 1970 हुई है। ऐसा माना जाता है कि साल 1967 में टेक्सास में सांपो के लिए एक फर्म की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे 1970 तक काफी मशहूर हो गई।

इस फर्म ने लोगों को सांपो के प्रति जागरूक करने का भी काम किया। इस दौरान फर्म ने ही 16 जुलाई को सांपों को लेकर विशेष आयोजन किए, जिसे देख बाद में अन्य एनजीओ ने भी सांपों के बारे जागरूकता फैलानी शुरू कर दी।

सरायकेला खरसावां जिले में जहरीले सांपों की भरमार हैं। प्रत्येक माह 20-25 लोग सांप के काटने से सदर अस्पताल पहुंचे हैं। जिसको देखते हुए सदर अस्पताल में करीब 380 से 400 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध रखे गए हैं।

सांप को मारते ही पश्चाताप की आग में झुलसने लगा था सरायकेला का स्नैक मैन

सरायकेला धोबी साई वार्ड नंबर चार निवासी राजा बारिक की जब उम्र करीब 14 वर्ष थी तो वह अपने छोटे भाई के साथ जमीन पर मच्छर दानी लगा कर सोया था। इसी दौरान जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा की कभी सांप उसके भाई के छाती पर तो कभी उसके छाती पर रेंग रहा था।

लेकिन राजा ने अपने भाई को नहीं उठाया और खुद किसी तरह चुपचाप लेटे रहा। थोड़ी देर में सांप मच्छरदानी से बाहर निकल कर जैसे ही चौखट पार करने लगा। राजा ने उस सांप को अपने हाथों से मार दिया। सांप के मरते ही उसे पश्चाताप होने लगा और उसी दिन से उसके अंदर जीव जंतू के प्रति प्रेम उमड़ने लगा।

उसने ठान लिया कि किसी भी जीव जंतू को वह नही मारेगा और न ही मारने देगा। फिर वह जीव जंतु की सेवा में ही लीन हो गया। इस दौरान उसने देखा कि कई लोग सांपों को भयवश मार रहे हैं। तब 2010 में राजा बारिश ने रांची के मोहरावादी मैदान में तीन माह तक सांप पकड़ने की प्रशिक्षण लिया।

प्रशिक्षण लेने के बाद उसे निश्शुल रुप से सांप पकड़कर जंगल में छोड़ना शुरु किया। वर्ष 2023 में राजा बारिक की नौकरी वन विभाग में हुई। राजा ने बताया कि अब तक उसने 13 से 14 हजार जहरीलें सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ने का काम किया है।

एक माह में 90 से 100 सांप को किया जाता है घरों के अंदर से रेस्क्यू

सरायकेला-खरसावां जिले में प्रत्येक माह 90 से 100 सांपों को घर व आंगन से रेस्क्यू किया जाता है। इन सांपों को जिले के एक मात्र वन विभाग के स्नैक मैन राजा बारिक द्वारा सूचना मिलने पर घर जाकर रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ने का काम कर रहे हैं।

राजा बारिक ने अब तक जिले से अजगर, नाग, करैत, अजगर, कोबरा, राना, रेड, वाटर सांप सहित अन्य प्रजातियों के जहरीले सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ते आ रहे हैं।

बरसात में प्रत्येक माह 20 से 25 लोगों को डसता है सांप

बरसात आते ही सरायकेला-खरसावां जिले में सर्पदंश के मामले बढ़ने लगते हैं। बरसात के दिनों में प्रत्येक माह 20-25 मरीज सांप के काटने (डसने) से सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

वर्ष 2022 में 112, वर्ष 2023 में 117, व वर्ष 2024 में जून माह तक 98 लोगों को सांप ने डस लिया। इन ढाई वर्षों में 327 लोगों को सांप ने डंस लिया। जिनमें सात लोगों की मौत हो चुकी है।

सांप काटने पर यह करें उपाय

- पीड़ित व्यक्ति के शरीर से सारी चीजें जैसे घड़ी, कड़ा, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन व जूते चप्पल आदि सभी चीजें उतार दें।

- सर्पदंश के स्थान से दो इंच ऊपर कपड़े की पट्टी अथवा रस्सी कसकर बांध दें। पट्टी लगभग एक इंच चौड़ी होनी चाहिए, साथ ही दंश के 20 मिनट के अंदर बांधी जानी चाहिए।

- मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा।

- यदि हाथ में सांप ने काटा है तो उसे नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर दिल तक पहुंचने में वक्त लग सके। यदि पांव में काटा है तो पलंग पर इस तरह लिटा दें ताकि मरीज के पांव नीचे लटके रहें।

क्या बोले सदर अस्पताल के उपाधीक्षक?

सदर अस्पताल सरायकेला की उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी ने बताया कि सांप के डसने से प्रतिदिन मरीज पहुंच रहे है। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है।

अगर किसी को सांप ने काट लिया और वह ओझा गुणी के पास चले गए तो उसकी जान भी जा सकती है। सांप काटे हुए मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाए। ताकि उसकी जान बचाई जा सके।

ये भी पढ़ें-

Jharkhand Accident News: सड़क हादसे में एक की मौत, 6 घायल; गुस्साई भीड़ ने बस को किया आग के हवाले

ESIC News: 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को ESIC से जुड़ना होगा; नहीं तो की जाएगी कार्रवाई