पिता ने नहीं दी बाइक तो बना ली इलेक्ट्रिक साइकिल
वाचस्पति मिश्र सिमडेगा सिमडेगा कालेज के इंटर आर्ट्स के छात्र रामकृष्ण कुमार की कहानी
By JagranEdited By: Updated: Thu, 16 Sep 2021 08:22 PM (IST)
वाचस्पति मिश्र, सिमडेगा : सिमडेगा कालेज के इंटर आर्ट्स के छात्र रामकृष्ण कुमार की कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही प्रेरणादायी भी। उन्होंने पिता से एक दिन बाइक की मांग की। पिता ने बाइक चलाने से मना करते हुए जब देने से इन्कार कर दिया तो रामकृष्ण ने कुछ नया करने की योजना बनाई। देखते ही देखते उन्होंने जेब खर्च बचत कर और छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर बीस हजार रुपये जमा कर लिए। इस रुपये से उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाकर पिता के सामने पेश कर दी। अपने सपने को भी पूरा कर दिखाया।
यह साइकिल दो घंटे चार्ज करने पर 40 किलोमीटर चलती है। इंटर के छात्र के इस जुनून को देखकर गांव-शहर हैरान है। खूब तारीफ हो रही है। रामकृष्ण कुमार कहते हैं कि शुरू में इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने को पिता फिजूलखर्ची बता रहे थे। बाद में साइकिल देखकर उन्होंने पांच हजार रुपये पुरस्कार भी दिया। लगन, परिश्रम और सफलता की सराहना की। रामकृष्ण कुमार नीचे बाजार आदर्श नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने सरकारी स्कूल एसएस सिमडेगा से दसवीं की पढ़ाई पूरी की है। वह अभी सिमडेगा कालेज में पढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। पिता हरिश्चंद शाह की एक गुमटीनुमा दुकान चलाते हैं। इसी से घर-परिवार चलता है। पिछले डेढ़ वर्ष लाकडाउन के कारण दुकान भी ठीक से नहीं चली। परिवार की कमजोर स्थिति को देखते हुए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्हें हर दिन करीब छह से सात किलोमीटर बाहर जाना पड़ता था। घर में एकमात्र बाइक होने के कारण उसे पिता चलाते थे। कई बार बाइक मांगने पर पिता इन्कार कर देते थे। इस बीच पेट्रोल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हो गई तो बाइक चलाना भी दूभर हो गया। इसी को देखते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने का सपना देखा। इसके लिए उन्होंने साइकिल खरीदी। इंटरनेट की मदद से उसे इलेक्ट्रिक बनाने के लिए जानकारी जुटाई। जरूरी उपकरण खरीदे। इसके बाद करीब 45 दिनों की मेहनत से अपनी साइकिल को इलेक्ट्रिक रूप देने में कामयाब हो गए। इस साइकिल में मोटर, बैटरी, एक्सिलरेटर, हार्न, चार्जर, वायर आदि लगाए गए हैं। ----
10 लोगों ने इलेक्ट्रिक साइकिल के लिए किया संपर्क रामकृष्ण ने बताया कि उनकी इलेक्ट्रिक साइकिल की खूब डिमांड हो रही है। दस लोगों ने ऐसी साइकिल बनाने के लिए उनसे संपर्क साधा है। रामकृष्ण कहते हैं कि इस प्रोजेक्ट को वृहद रूप देना चाहते हैं। वह शहर में एक वर्कशॉप और दुकान खोलना चाहते हैं। इस साइकिल की खास बात यह है कि इसमें पैडल व बैट्री दोनों विकल्प मौजूद हैं। बैट्री खत्म होने पर इसे पैंडल मारकर गंतव्य तक जा सकते हैं।
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