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Lok Sabha Election: भाजपा के एक 'तीर' से दो शिकार, लोकसभा चुनाव से पहले इस सीट पर कांग्रेस चारों खाने चित

Jharkhand Politics लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने मास्टरस्ट्रोक से कांग्रेस का किला ढाहने का काम किया है। झारखंड में कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा की इस्तीफा के साथ ही सारा सियासी समीकरण बिगाड़ दिया है। गीता कोड़ा के पार्टी छोड़ने से उनके इलाके के कुछ नेताओं में मायूसी है। दरअसल पश्चिमी सिंहभूम सीट पर मधु कोड़ा और गीता कोड़ा की पकड़ मजबूत है।

By Sudhir Pandey Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 26 Feb 2024 07:14 PM (IST)
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भाजपा के एक 'तीर' से दो शिकार, लोकसभा चुनाव से पहले इस सीट पर कांग्रेस चारों खाने चित

सुधीर पांडेय, चाईबासा। सिंहभूम से कांग्रेस की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होते ही इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी हाशिये पर आ गयी है।

दरअसल, पश्चिमी सिंहभूम में कांग्रेस की सारी गतिविधियां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व सांसद गीता कोड़ा के इर्द-गिर्द ही घूमती रही हैं। कांग्रेस की प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष गीता कोड़ा के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में चले जाने से सिंहभूम में कांग्रेस अचानक से शून्य हो गयी है।

गीता कोड़ा के पार्टी छोड़ने से इन नेताओं के चेहरे पर मायूसी   

वहीं, दूसरी ओर लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए अनेक मसलन झारखंड के पूर्व मंत्री तथा मझगांव विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके तथा 2009 में सिंहभूम सीट में भाग्य आजमा चुके बडकुंवर गागराई, झारखंड के पूर्व आईएएस अधिकारी और चाईबासा विधानसभा सीट से 2014 और 2019 में चुनाव लड़ चुके जेबी तुबिड, सिंहभूम के पूर्व सांसद स्वर्गीय लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा, चाईबासा के पूर्व विधायक जवाहरलाल बानरा और झारखंड प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष गीता बालमुचू जैसे नेताओं के चेहरे पर भी मायूसी साफ नजर आ रही ही है।

मझगांव और जगन्नाथपुर विधानसभा सीटों पर लटकी तलवार

इनमें से कई नेता तो टिकट को लेकर इतने आशान्वित थे। उन्होंने अपना प्रचार तक शुरू कर दिया था। गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से मझगांव और जगन्नाथपुर विधानसभा सीटों पर भी तलवार लटक गई है। जिले की राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वालों का आंकलन है। यदि गीता कोड़ा लोकसभा का चुनाव जीत जाती हैं तो उनके पति मधु कोड़ा मझगांव से अपनी दावेदारी करेंगे क्योंकि वे पूर्व में यहां से चुनाव लड़ चुके हैं।

साथ ही साथ गीता कोड़ा चाहेंगी कि उनके गृह क्षेत्र की विधानसभा सीट जगन्नाथपुर भी उनके ही कब्जे में रहे। ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर टकराव हो सकता है। आगे क्या होगा, इस पर अभी सिर्फ संभावना ही जताई जा सकती है पर इसमें कोई शक नहीं की यह भाजपा का एक और मास्टर स्ट्रोक है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकसित भारत का संकल्प लेकर चल रहे हैं। इस वजह से लोग पार्टी में जुड़ रहे हैं। गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हुई हैं। उनका पार्टी में स्वागत है। संगठन के विस्तार में हम लोग लगे हैं। ऐसे में जो भी पार्टी में आना चाहता है, सभी का स्वागत है।- अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय नेता, भाजपा।

मुझे पता चला है कि सिंहभूम सांसद सह कांग्रेस की प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष गीता कोड़ा ने रांची में जाकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। मुझे इसकी पूर्व में कोई जानकारी नहीं थी। भाजपा में शामिल होने से संबंधित किसी तरह का बात विचार भी नहीं हुआ था। जहां तक मेरी बात है तो मैं कांग्रेस का विधायक हूं। अभी कांग्रेस पार्टी में हूं। आगे भी रहूंगा।- सोनाराम सिंकू, कांग्रेस विधायक, जगन्नाथपुर।

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