Jharkhand News: NGT की रोक के बाद बालू की कालाबाजारी शुरू, दोगुने दामों पर हो रही है बिक्री; लोग उठा रहे परेशानी
एनजीटी के नदी से बालू निकासी पर रोक के बाद चाईबासा में बालू की कालाबाजारी शुरू हो गई है। यहां 2500 रुपये का बालू 4500 रुपये प्रति ट्रेक्टर बेचा जा रहा है। ऐसे में लोगों को अपने घर का निर्माण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि 10 जून को एनजीटी ने नदी से बालू निकासी पर रोक लगा दी है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। 10 जून से एनजीटी ने नदी से बालू की निकासी पर रोक लगा दी है और जिससे बालू के दाम कालाबाजार में लगभग दोगुना बढ़ चुके हैं। चाईबासा में 2500 रुपये का बालू 4500 रुपये प्रति ट्रेक्टर बेचा जा रहा है।
मई और जून माह में लोग अपने घरों का निर्माण करते हैं, जिससे बालू की जरुरत बढ़ जाती है। जनवरी माह में चाईबासा शहर में बालू 2500 रुपये प्रति 100 सीएफटी बेचा जा रहा था। वहीं मार्च में इसके दाम बढ़कर 3500 रुपये हो गये। अब 4500 रुपये में एक ट्रेक्टर बालू शहर में बेचा जा रहा है।
प्रशासन और खनन विभाग कर रहा अनदेखी
इसके लिए चाईबासा के कुजू नदी घाट, आयता बालू घाट व कुर्सी बालू घाट से उठाव किया जा रहा है। तांतनगर प्रखंड के ईलीगड़ा व सरायकेला जिला की ओर से एक दर्जन से अधिक जगहों से अवैध बालू की निकासी की जाती है। इस पर न प्रशासन की नजर है और ना ही खनन विभाग की।घर बनाने वाले गांधी टोला निवासी दिलीप कुमार ने कहा कि घर बनाने में सबसे बड़ी परेशानी बालू की होती है। प्रति ट्रेक्टर 4500 रुपये बालू मिल रहा है।
महंगे दाम में लोग खरीद रहे हैं बालू
मजबूरी में लोगों को बालू खरीदना ही पड़ता है। बालू नहीं रहेगा तो घर कैसे तैयार होगा। सरकार ने बालू का टेंडर नहीं किया जिससे अवैध रुप से बालू का कारोबार खुलेआम हो रहा है।बालू कारोबारी मनमानी ढंग से उसे बेचते हैं। बरसात होने से इसके बाद में और बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। शहर में बालू ट्रेक्टर पुलिस, अधिकारी, पदाधिकारी के नाक के नीचे से लेकर चल रहे हैं।
लेकिन कोई रोक नहीं सकता है। नये पदाधिकारी बालू माफियाओं से अपनी जान पहचान बनाने के लिए बीच-बीच में एक-दो ट्रेक्टर पकड़ कर कार्रवाई कर देते हैं। जिससे सभी से जान-पहचान अच्छी से बनी रहे।
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