देश में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रान के खतरे के बीच पश्चिम सिंहभूम जिला में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से फैलना शुरू हो गया है। जिले में चार दिन से लगातार सक्रिय केस सामने आ रहे हैं। जिला में इसका केंद्र बिदु फिलहाल चक्रधरपुर है।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 05 Dec 2021 05:15 AM (IST)
चाईबासा : देश में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रान के खतरे के बीच पश्चिम सिंहभूम जिला में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से फैलना शुरू हो गया है। जिले में चार दिन से लगातार सक्रिय केस सामने आ रहे हैं। जिला में इसका केंद्र बिदु फिलहाल चक्रधरपुर है। इस सप्ताह मिले सभी संक्रमित चक्रधरपुर के ही निवासी हैं और एक-दूसरे के संपर्क में आकर कोविड पाजिटिव हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को जिले में एक साथ पांच लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। ये सभी लोग तीन दिन पहले चक्रधरपुर में निकले कोरोना पाजिटिव युवक की कांटेक्ट ट्रेसिग में शामिल थे। पांचों की आरटी-पीसीआर जांच कराई गई तो उनमें कोविड-19 का संक्रमण पाया गया। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए संबंधित लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में सभी का इलाज किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या अब बढ़कर 9 हो गयी है। काफी लंबे अंतराल के बाद जिले में 9 सक्रिय केस हुए हैं।
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पश्चिम सिंहभूम जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से फैलने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 की जांच को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। जिले में पहले जहां एक दिन में 15 हजार लोगों की जांच होती थी, अब वो घटकर 1000 से भी कम हो गयी है। शनिवार को जिले में केवल 912 लोगों का ही सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए लिया गया। 700 सैंपल आरटीपीसीआर, 140 ट्रूनेट और 72 सैंपल की रैट से जांच की गई। आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आने की बात विभाग ने कही। वहीं ट्रूनेट व रैट सैंपल का तुरंत परिणाम आ गया। ट्रूनेट में तीन व आरटी-पीसीआर जांच में दो लोग पाजिटिव पाये गये हैं। वायरस के फैलाव के संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को कोविड जांच बढ़ानी चाहिए। -------------------
अब न मुंह पर मास्क न हाथों में दिखता सैनिटाइजर कोरोना वायरस की पहली व दूसरी लहर में संक्रमण से बचने के लिए लोग बाहर निकलने पर मुंह पर मास्क लगाना व हाथ में सैनिटाइजर लेकर चलना नहीं भूलते थे। लोग भीड़-भाड़ वाली जगह में जाने से बचते भी थे। मगर अब लोग धीरे-धीरे लापरवाह होते जा रहे हैं। सड़क पर चंद लोग ही आपको मास्क लगाये नजर आयेंगे। सैनिटाइजर का प्रयोग तो पूरी तरह से बंद हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे बचने के लिए टीका के साथ-साथ मास्क व सैनिटाइजर का भी नियमित प्रयोग जारी रखें।
---------------------- वैक्सीनेशन में शिथिलता न बरतें : डीडीसी जासं, चाईबासा : उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी की अध्यक्षता में शनिवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन की समीक्षा की गई। टाटा कॉलेज स्थित बिरसा सभागार में कोविड-19 वैक्सीनेशन अंतर्गत संचालित कार्यों की विगत 25 नवंबर, 30 नवंबर एवं 3 दिसंबर तक के प्रगति प्रतिवेदन का तुलनात्मक आंकलन किया गया। इस क्रम में जिला अंतर्गत 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन 342 उप स्वास्थ्य केंद्र वार हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर तथा 18 वर्ष या से अधिक आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण की स्थिति और कोविन पोर्टल पर अपलोड डाटा का बिदुवार मिलान किया गया। उप विकास आयुक्त ने बिदुवार जांच के क्रम में डाटा की विसंगतियों को लेकर जिला व प्रखंड डाटा प्रबंधक को अगले 24 घंटे में विसंगतियों को दूर करते हुए छह दिसंबर की संध्या में निर्धारित वर्चुअल बैठक में प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया। बैठक में कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्य में संलग्न सभी पदाधिकारियों व कर्मियों को निर्देश दिया कि सभी अपने-अपने निर्धारित दायित्व का तत्परता एवं सजगता के साथ निर्वहन करें। यदि वैक्सीनेशन कार्यों में किसी भी स्तर पर शिथिलता पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन तथा विभागीय प्रविधानों के तहत कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. बुका उरांव, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अमित प्रकाश, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह स्वास्थ्य विभाग के नोडल पदाधिकारी शशीन्द्र बड़ाईक, सदर अंचलाधिकारी गोपी उरांव, जिला आरसीएचओ डा. सुंदर मोहन सामड, जिला सर्विलांस पदाधिकारी डा. संजय कुजूर, सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी, एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय कुमार सिंह, आईडीएसपी से अजमत अजीम, जिला डाटा मैनेजर रश्मि सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।
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