झारखंड सरकार के अनिर्णायक रवैये से शिक्षक और छात्र दोनों परेशान, संघ भी जता चुके हैं नाराजगी
झारखंड सरकार के अनिर्णायक रवैये के कारण राज्य के शिक्षक और छात्र दोनों परेशान हैं। पहले तो राज्य सरकार ने जारी कैलेंडर का हवाला देते हुए भीषण गर्मी में ही विद्यालयों को खोल दिए। गर्मी की छुट्टियां खत्म होते ही स्कूल को भीषण गर्मी के बीच दोबारा खोल दिया गया।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर: झारखंड सरकार के अनिर्णायक रवैये के कारण राज्य के शिक्षक और छात्र दोनों परेशान हैं। पहले तो राज्य सरकार ने जारी कैलेंडर का हवाला देते हुए भीषण गर्मी में ही विद्यालयों को खोल दिए। 4 जून को ही राज्य के सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश समाप्त हो गई और जला देने वाली गर्मी के बीच 5 जून से सरकारी विद्यालय संचालित होने लगे।
भीषण गर्मी के चलते विद्यालयों में बच्चों के बीमार पड़ने की खबरें भी सामने आईं, लेकिन जिला प्रशसन से लेकर राज्य सरकार ने भी ग्रीष्मावकाश में इजाफा करने की जरूरत नहीं समझी। कहा गया कि परीक्षाफल समय पर प्रकाशन किया जाना है। 12 जून को कक्षा पहली से सातवीं तक का परीक्षाफल प्रकाशन कर वितरण किया जाना है। इस निमित कार्य भी पूर्ण नहीं है, इसलिए विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।
इधर, शनिवार को मामले पर संज्ञान लेते हुए कोल्हान में वरीय अधिकारी द्वारा विद्यालय अवधि में बदलाव संबंधी आदेश जारी किया गया। जबकि दूसरे ही दिन राज्य सरकार ने ग्रीष्मावकाश में बढ़ोत्तरी करने संबंधी आदेश दे दिया। कहा गया कि 12 जून से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश की अवधि विस्तार कर दी गई है, जबकि 12 जून को ही परीक्षाफल जारी किया जाना था।
गौरतलब हो कि चक्रधरपुर में अधिकतर निजी विद्यालयों में 15 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित की गई है। नामांकन एवं गोष्ठी पर भी उठे सवाल इधर चक्रधरपुर में विद्यालय खुलने पर इंटरमीडिएट में नामांकन की प्रकिया प्रारंभ हो चुकी थी। लेकिन पुन: विद्यालय बंद हो जाने से नामांकन की प्रकिया भी रूक गई है। इस बीच चक्रधरपुर में एक माह बाद शिक्षकों की मासिक गोष्ठी शुरू हुई। यह तीन दिवसीय थी, लेकिन इसी बीच ग्रीष्मावकाश हो जाने के बाद भी गोष्ठी लेने पर शिक्षक संघों ने भी नाराजगी जाहिर की है।