'राज्यपाल से कानाफूसी कर स्थानीय नीति को रोक रहे षडयंत्रकारी', मोदी सरकार पर जमकर बरसे हेमंत सोरेन, कहीं ये बड़ी बातें
Hemant Soren झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंझारी प्रखंड स्थित रोलाडीह पंचायत के हाई स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम नीति बनाते हैं तो षडयंत्रकारी राज्यपाल से कानाफूसी कर रोक देते हैं। हम लोग गांव-गांव में जाकर जनता की समस्याओं को सुनना और उसका समाधान करना चाहते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 17 Dec 2023 11:17 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चाईबासा। 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति संबंधी विधेयक को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा वापस किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि विपक्ष हमारी सरकार के विरुद्ध षडयंत्र कर रहा है। हमारी सरकार झारखंड के लोगों के लिए नीतियां बना रही है तो अड़ंगा डालने में लगे हैं। ये लोग खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं होने देना चाहते हैं।
हम नीति बनाते हैं तो षडयंत्रकारी राज्यपाल से कानाफूसी कर रोक देते हैं। हम तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों पर स्थानीय को नौकरी देने का कानून लाना चाहते हैं, ये लोग (विपक्ष) लाने नहीं देते हैं। ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ के कार्यक्रम की कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को पश्चिमी सिंहभूम में थे।
विपक्ष पर जमकर बरसे हेमंत सोरेन
उन्होंने मंझारी प्रखंड स्थित रोलाडीह पंचायत के हाई स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय नीति को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि मेरे नेतृत्व में जब तक राज्य में सरकार चलेगी, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी आपके द्वार पहुंचकर दरवाजा खटखटाते रहेंगे।
हम लोग गांव-गांव में जाकर जनता की समस्याओं को सुनना और उसका समाधान करना चाहते हैं। पूर्व में राज्य सरकार की योजना और आवाज गांवों तक नहीं पहुंचती थी। अब गांव-गांव सरकार की योजना और आवाज पहुंच रही है। केंद्र सरकार से गरीबों के लिए आवास की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना शुरू की है।
यह आवास केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे दो कमरों के आवास से बड़ा होगा। राज्य में आठ लाख आवासों का निर्माण किया जाना है। सोरेन ने कहा कि गांव और शहर के बीच संपर्क को सुगम बनाने के लिए 15 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़क निर्माण का निर्णय लिया गया है।
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