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Jharkhand News: चाकुलिया और पोटका को मिला डिग्री कॉलेज का तोहफा, करोड़ों की योजनाओं की भी रखी नींव

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में डिग्री काॅलेज शिलान्यास कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उन्‍होंने चाकुलिया में 108 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास व उदघाटन किया। डिग्री कॉलेज बनने से अब यहां के विद्यार्थियों को पढ़ाई में सुविधा होगी। यह यहां के लिए एक बड़े उपहार से कम नहीं है। कार्यक्रम में सीएम ने विपक्ष पर भी निशाना साधा।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 15 Mar 2024 05:04 PM (IST)
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पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में डिग्री काॅलेज शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे चंपई सोरेन।

जागरण संवाददाता, चाकुलिया। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में डिग्री काॅलेज शिलान्यास कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे हुए हैं। मंच पर नगाड़ा बजाकर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।परंपरागत नृत्य से महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने शॉल ओढ़ाकर व पौधा देकर मंच पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

चाकुलिया में 108 करोड़ रु. की योजनाओं का शिलान्यास व उदघाटन

इस दौरान उन्‍होंने चाकुलिया में 108 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास व उदघाटन किया। विधायक समीर महंती ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक बड़े उपहार के रूप में चाकुलिया क्षेत्र के लोगों को डिग्री काॅलेज प्रदान किया है। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन चाकुलिया क्षेत्र के गली कस्बों से अवगत है, क्योंकि वे यहां हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने आते रहे। अब हमारे विद्यार्थियों को यहां ही डिग्री में पढ़ाई की सुविधा मिलने जा रही है।

आदिवासियों का केंद्र सरकार ने धन से रखा दूर: सीएम

सीएम ने कहा, नाम का झारखंड धनी प्रदेश, अब तक आदिवासी मूलवासी को धन से दूर रखा गया। हमारी झारखंड सरकार ने रोटी कपड़ा मकान देना शुरू किया। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास का पैसा देना बंद कर दिया। तब हेमंत सोरेन ने आबूआ आवास लाने का काम किया। भाजपा ने आदिवासी मूलवासी के उत्थान के लिए कभी सोचा ही नहीं था। 

— Champai Soren (@ChampaiSoren) March 15, 2024

बच्‍चे पढ़ेंगे नहीं तो कैसे होगा राज्‍य का विकास: चंपई सोरेन

डबल इंजन की भाजपा सरकार ने पांच हजार प्राइमरी स्कूलों को बंद किया था। विद्यार्थियों के स्कालरशिप को घटाया था। हमने स्काॅलरशिप बढ़ाया। बच्चें अब विदेशों में पढ़ने जा रहे हैं। अपने गांव में ही डिग्री कालेज खोल दिया। जबतक विधार्थी पढ़ेंगे नहीं, राज्य का विकास नहीं होगा। झारखंड के प्राइमरी स्कूलों में ओलचिकी से पढ़ाई होगी। जितने भी आदिवासी (जनजातीय) भाषा है, उनकी मातृभाषा में पढ़ाई होगी।

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