Rath Yatra 2024: यहां दिखा दुनिया का सबसे ऊंचा महाप्रभु जगन्नाथ का रथ, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब है हासिल
रविवार को क्योंझर में महाप्रभु जगन्नाथ जी का सबसे ऊंचा रथ देखने को मिल और यह रथ गुंडीचा मन्दिर तक नहीं पहुंच सका। इस रथ का ऊंचाई 72 फीट चौड़ाई 47 फीट चौड़ा है। पिछले कई दिनों से 35 बढ़ई और कारीगर मंदिर को अपना आधार बना चुके हैं। क्योंझर में होने वाला रथ उत्सव आस-पास के जंगलों और पहाड़ियों से आदिवासी समुदाय के लोग भाग लेते हैं।
संवाद सूत्र, बड़बिल। चलित वर्ष श्रीजगन्नाथ महाप्रभु के अनुष्ठान जैसे नव यौवन दर्शन, नेत्र उत्सव और रथ यात्रा एक ही दिन होने के कारण पूरे प्रदेश में रथयात्रा का कार्यक्रम दो दिन रविवार और सोमवार को मनाये जाने के क्रम में रविवार को क्योंझर की सबसे ऊंची रथ गुंडीचा मन्दिर तक नहीं पहुंच सकी।
चलित वर्ष रथयात्रा का दो दिन का उत्सव , दुर्लभ योग लगभग 53 वर्षों के बाद से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में क्योंझर स्थित बलदेव जी की मन्दिर की निति नियम और पूजा अर्चना के बाद संध्या होने के कारण एवं रथ का एक ओर झुकाव से रथ अपने स्थान से कुछ मीटर खींचने के बाद रोक दिया गया।
रथ खींचने के लिए की गई अलग व्यवस्था
अगामी कल रथ यात्रा पुनः आरंभ होगी। इस वर्ष रथ खींचने के लिए मन्दिर समिति, अविगाप, हिजामं और विहिप द्वारा महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की गई है। सोमवार को पूरे उत्साह और उमंग उल्लास से रथ यात्रा मनाने की बात मंदिर समिति सदस्य ने बताया।
दुनिया के सबसे उंचे लकड़ी के रथों में से है एक
मालूम हो कि ओडिशा के क्योंझर के श्री बलदेवजू मंदिर का रथ अपने आस-पास की चीज़ों से बहुत ऊंचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 72 फीट ऊंचा और 47 फीट चौड़ा यह रथ दुनिया के सबसे ऊंचे लकड़ी के रथों में से एक है। पिछले कई दिनों से 35 बढ़ई और कारीगर मंदिर को अपना आधार बना चुके हैं।
क्योंझर का रथ उत्सव
क्योंझर में होने वाला रथ उत्सव अनोखा है, क्योंकि राजा लक्ष्मीनारायण भांजा के शासनकाल से ही, जिन्होंने 1671 में मंदिर का निर्माण कराया था, आस-पास के जंगलों और पहाड़ियों से आदिवासी समुदाय इस उत्सव में भाग लेते रहे हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, क्योंझर में रथ यात्रा के रथ का साइज 22 मीटर (72 फीट) ऊंचाई X 14 मीटर (45 फीट) लंबाई X 14 मीटर (45 फीट) चौड़ाई है। इसे 2 अगस्त, 2019 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
ये भी पढ़ें-
Jagannath Rath Yatra 2024 : भाई-बहन संग मौसी बाड़ी पहुंचे भगवान जगन्नाथ, भक्त दिखे उत्साहित