सारंडा जंगल की गोद में बसे गुवा में लगाये गये मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर में दो ऐसी अविवाहित महिलाएं मिली हैं, जो सर्वाइकल कैंसर की एडवांस स्टेज में आ चुकी हैं। इन दोनों अविवाहित मरीजों को उच्च स्तर के इलाज के लिए रांची रेफर किया गया है।
500 महिलाओं की जांच की गई
विमेन डॉक्टर्स विंग की चेयरपर्सन डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि शुकवार को गुवा में लगे कैंप में कुल 500 महिला मरीजों की जांच की गई। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में जननांग संबंधी सूजन पायी गयी और उन्हें इसकी दवा दी गई।
सर्वाइकल प्री-कैंसर की दस महिलाएं मिली, जिन्हें कैंप स्थल पर ही कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट देकर सर्वाइकल प्री कैंसर से मुक्त किया गया।डॉ. भारती ने बताया कि सर्वाइकल पालिप की पांच महिलाएं मिली और पायोमेट्रा से ग्रसित भी दो महिलाएं मिली। यूटेरस प्रोलैप्स की एक महिला मिली और सर्वाइकल कैंसर की एडवांस स्टेज की भी एक महिला मिली और ब्रेस्ट कैंसर की भी एक महिला मिली है।
अविवाहित लड़कियों में मिले ये लक्षण
शिविर में सबसे मुख्य बात यह रही कि यहां के आदिवासियों में अविवाहित लड़कियों में सर्वाइकल प्री कैंसर के लक्षण मिले जबकि ज्यादातर यह विवाहित लोगों में ही पाया जाता है। इसकी बड़ी वजह अधिकतम बार यौन सम्बम्ध बनाना और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना है।
इलाज के लिए किया रांची रेफर
हम लोगों ने दोनों को इसके इलाज के लिए रांची रेफर किया है। शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को एक महीने की आयरन फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोलियां मुफ्त बांटी गयी।
इन्होंने किया शिविर का उद्घाटन
इससे पहले आईएमए झारखण्ड की विमेन डॉक्टर्स विंग, स्वास्थ्य विभाग एवं वन विभाग और सेल प्रबंधन गुवा के संयुक्त तत्वावधान में सेल अस्पताल में आयोजित “मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर” का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त कुलदीप चौधरी और विशिष्ट अतिथि उपविकास आयुक्त संदीप मीना ने किया।शिविर के उद्घाटन सत्र में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, सेल के मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर और डीएफओ सारंडा वन प्रमंडल अविरूप सिन्हा उपस्थित थे। मालूम हो कि झारखंड में महिलाओं को होने वाली सर्वाइकल कैंसर बीमारी के उन्मूलन के लिए विमेन डाक्टर्स विंग ने झारखण्ड सरकार के साथ मिलकर एक विशेष प्लान झारखंड मॉडल तैयार किया है।
ऐसे स्वास्थ्य शिविर के लिए प्रशासन सदैव मदद को तैयार- उपायुक्त
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि प्रशासन सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर उन्मूलन के लिए गंभीर है। विमेन डाक्टर्स विंग ने इस भीषण गर्मी में सैंकड़ों महिलाओं की जांच एवं इलाज में काफी तत्परता दिखाई है।आगे भी नोवामुंडी और चक्रधरपुर के कैंप में प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा। डीडीसी ने कहा कि सारंडा के दूर-दराज के क्षेत्र में लगाए जाने वाले शिविर की सराहना की और कहा कि भविष्य में भी इस तरह का आयोजन होना चाहिए।
सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने कहा कि देश में हर साल 67 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से दम तोड़ देती हैं। सर्वाइकल कैंसर भारत में फैले सभी प्रकार के कैंसर में दूसरे सबसे आम नंबर का कैंसर है। कैंसर का यह प्रकार सबसे अधिक प्रेवेंटेबल और सफलतापूर्वक ठीक किए जाने वाला कैंसर है।
सर्वाइकल कैंसर का डब्लूएचओ का आंकड़ा
2020 में छः लाख से ज्यादा मामले और 3.42 लाख मौतें90% मामले कम और मीडियम इनकम वाले देशों में
सर्वाइकल कैंसर भारत में दुसरे नंबर पर सबसे आम है और सबसे प्रीवेंटेबल और सक्सेसफूली ट्रीटेबल कैंसर है1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले भारत में हर साल67 हजार महिलाओं की मौत भारत में हर सालदुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर के मामले में भारत 5वें नंबर पर
ब्रेस्ट कैंसर के आंकड़े
शहरी महिलाओं में यह कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं में यह दूसरा सामान्य तौर पर पाया जाने वाला कैंसर है। आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं। यह स्तन में असामान्य रूप से कोशिकाओं के परिवर्तन और वृद्धि होने से होता है, यही कोशिकाएं मिलकर ट्यूमर बनाती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून आना स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना। कोई गांठ, अग्रभाग का धंसा हुआ होना, आकार में बदलाव होना।
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