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अस्‍पताल में डॉक्‍टर की गैर मौजूदगी ने ली मां और बच्‍चे की जान, गर्भवती महिला की गर्भाशय फटने से हुई मौत

महिला के पति का आरोप है कि सही समय पर आपरेशन हुआ होता तो आज मां व बच्चा दोनों ही जीवित होते। एक तो चाईबासा सदर अस्‍पताल में इलाज नहीं हुआ ऊपर से इन्‍होंने रेफर करने में भी देरी कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 20 Dec 2022 11:43 AM (IST)
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अस्पताल में डाक्टर नहीं होने से गर्भाशय फटने से जच्चा-बच्चा दोनों की मौत

संसू, कुमारडुंगी। चाईबासा सदर अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। बताया गया कि प्रसव कक्ष में प्रसूता का प्रसव कराने के दौरान गर्भाशय फट गया। इस कारण पहले शिशु की गर्भ में ही मौत हो गयी। इसके बाद प्रसूता की भी जान चली गयी। मृतका कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के छोटारायकमन गांव की रहने वाली थी। मृतका के पति अजय गोप ने बताया कि उसकी 30 वर्षीय पत्नी बेलमती देवी का यह दूसरा बच्चा था। शुक्रवार को करीब दस बजे रात को वह पत्नी को लेकर सदर अस्पताल चाईबासा पहुंचा था। उस वक्त पत्नी व बच्चा दोनों ही ठीक थे।

गर्भाशय फटने की वजह से बह गया था काफी खून

एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) ने आपरेशन करने की बात कही पर रात को डाक्टर नहीं होने के कारण आपरेशन नहीं हो पाया। दूसरे दिन शनिवार की सुबह लगभग छह बजे पत्नी को जब तीव्र प्रसव पीड़ा होने लगी तो एएनएम उसे प्रसव कक्ष में ले गयी।

करीब पांच घंटे के लंबे इंतजार के बाद अचानक एएनएम बाहर निकलकर बोली कि पत्नी का गर्भाशय फट गया है। इस कारण खून बहुत अधिक बह गया है। उसे तुरंत खून चढ़ाना होगा। फिर थोड़ी देर में आकर कहा कि मरीज को जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल लेकर जाना होगा। कुछ देर बाद पत्नी को प्रसव कक्ष से लहुलूहान अवस्था में बाहर निकाल दिया गया।

सही वक्‍त पर सही कदम उठाने से नहीं जाती जान

पत्नी व बच्चा दोनों ही मृत अवस्था में लग रहे थे। बच्चे ने पेट में हिलना-डुलना बंद कर दिया था। उसके बाद उसे 108 एम्बुलेंस से जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल लेकर गए। वहां डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और पत्नी को बेहोश बताया। डाक्टर ने कहा कि पत्नी के शरीर में काफी कम खून है। उसके बाद उसने दो यूनिट खून दिया पर पत्नी को बचाया नहीं जा सका।

डाक्टर ने खून की कमी व गर्भाशय का फट जाना मौत होने का कारण बताया। अगर चाईबासा सदर अस्पताल में ही पत्नी का सही समय पर आपरेशन हुआ होता तो आज मां व बच्चा दोनों ही जीवित होते। इसके साथ ही सदर अस्पताल ने पत्नी को जमशेदपुर रेफर करने में भी काफी देरी कर दी।

कुमारडुंगी सीएचसी में स्लाइन चढ़ाकर भेज दिया चाईबासा

पति अजय गोप ने बताया कि गुरुवार को पत्नी के पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ था। दर्द शुक्रवार को अधिक नहीं हुआ इसलिए मैं उसे अस्पताल नहीं ले गया। उसी दिन शाम को ही करीब 7 बजे सहिया के सहयोग से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारडुंगी लेकर गए।

कुमारडुंगी अस्पताल जब पहुंचे तो वहां कोई डाक्टर नहीं था। एएनएम ने जांच कर एक स्लाइन चढ़ायी। उसके बाद चाईबासा रेफर कर दिया गया। वहां उसका इलाज नहीं हुआ। उसे एमजीएम (महात्मा गांधी मेडिकल कालेज ऐंड हास्पिटल) अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां दोनों के मृत होने की जानकारी मिली।

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