Lok Sabha Election: झारखंड की इस सीट पर पहली बार BJP ने उतारी महिला उम्मीदवार, जानें यहां का सियासी समीकरण
सिंहभूम सीट से भाजपा के टिकट से गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। भाजपा ने इस सीट से अपने प्रत्याशी के तौर पर गीता कोड़ा के नाम की घोषणा की है। प्रदेश भाजपा चुनाव समिति की ओर से सिंहभूम लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा आईं गीता कोड़ा और चाईबासा विधानसभा सीट से 2015 और 2020 को चुनाव लड़ चुके जेबी तुबिद के नामों को भेजा गया था।
सुधीर पांडेय, चाईबासा। सिंहभूम सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से गीता कोड़ा ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। शनिवार को भाजपा ने सिंहभूम सीट से अपने प्रत्याशी के तौर पर गीता कोड़ा के नाम की घोषणा कर दी है।
झारखंड प्रदेश भाजपा चुनाव समिति की ओर से सिंहभूम लोकसभा के लिए कांग्रेस से भाजपा में आयी वर्तमान सांसद गीता कोड़ा और चाईबासा विधानसभा सीट से 2015 और 2020 को चुनाव लड़ चुके जेबी तुबिद के नामों को भेजा गया था।
भाजपा से सिंहभूम सीट से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला प्रत्याशी
प्रदेश समिति द्वारा उपरोक्त दोनों नामों को केंद्रीय समिति के पास भेजने के बाद गीता कोड़ा के नाम पर ही अंतिम सहमति बनी। दो बेटियां व एक बेटा की मां गीता कोड़ा भाजपा से सिंहभूम सीट से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला प्रत्याशी हैं। 26 सितंबर 1983 को जन्मी गीता कोड़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2009 में जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर की थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा से हार का सामना करना पड़ा था। इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में गीता कोड़ा ने जगन्नाथपुर विधानसभा से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इसके बाद 2019 में गीता कोड़ा ने कांग्रेस के टिकट से सिंहभूम सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी रहे लक्ष्मण गिलुवा को बड़े अंतर से हराकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी थी।
गीता कोड़ा भाजपा से लड़ेंगी आगामी लोकसभा चुनाव
2024 का चुनाव अब गीता कोड़ा भाजपा के टिकट से लड़ेंगी। भाजपा की ओर से सिंहभूम लोकसभा से गीता कोड़ा नाम बतौर प्रत्याशी घोषित करने की खबर से पश्चिमी सिंहभूम के भाजपाइयों में हर्ष देखा जा रहा है। गीता कोड़ा ने शनिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि महागठबंधन की सरकार ने जो वादे किये थे, उस पर वह खरी नहीं उतरी।
खासकर सिंहभूम में पिछले पांच साल में कोई विकास का काम नहीं हुआ। हेमंत सोरेन जब मुख्यमंत्री बने थे, उसी समय लौह अयस्क खदानें बंद हुई। वे आज तक नहीं खुलीं।
नतीजतन सैकड़ों लोग पलायन को मजबूर हो गये। हेमंत सरकार में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान पश्चिमी सिंहभूम जिले में नहीं खोला गया। महागठबंधन की सरकार आदिवासियों के नाम पर केवल वोट लेती है। यहां की जनता को इमोशनल ब्लैकमेल किया जाता है। भाजपा ने जिस विश्वास के साथ मुझे अपना प्रत्याशी घोषित किया है, उस पर जनता के सहयोग से खरा उतरने का पूरा प्रयास रहेगा।
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