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Jharkhand Crime: नक्सलियों के निशाने पर थी टाटा बिलासपुर एक्सप्रेस, बैनर तोड़कर निकली ट्रेन; कुछ देर बाद हुआ धमाका

Naxalite Attack चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले महादेवशाल और पोसैता स्टेशन के बीच हुए बम धमाके की धमक से पुरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया था। जानकारी मिली है कि‍ जिस थर्ड लाइन को नक्सलियों ने बम लगाकर उड़ाया था। उसी थर्ड लाइन से ट्रेन नंबर 18113 टाटा बिलासपुर एक्सप्रेस धमाके से चंद मिनट पहले गुजरी थी।

By Rupesh Kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Fri, 22 Dec 2023 07:00 PM (IST)
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रेलकर्मी थर्ड रेल लाइन की पटरियो की मरम्मती का कार्य करते हुए

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले महादेवशाल और पोसैता स्टेशन के बीच हुए बम धमाके की धमक से पुरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया था।

जानकारी मिली है कि‍ जिस थर्ड लाइन को नक्सलियों ने बम लगाकर उड़ाया था। उसी थर्ड लाइन से ट्रेन नंबर 18113 टाटा बिलासपुर एक्सप्रेस धमाके से चंद मिनट पहले गुजरी थी।

इस दौरान ट्रेन के लोको पायलट ने थर्ड लाइन पर लाल रंग का नक्सली पोस्टर बैनर भी देखा था, लेकिन ड्राईवर ने थर्ड लाइन में बीचोंबीच लगे नक्सली पोस्टर बैनर को तोड़ते हुए गुरूवार रात 10:08 बजे ट्रेन को आगे बढ़ा दिया था।

ट्रेन पार तो हो गयी थी, लेकिन ट्रेन पर नक्सलियों ने हमला नहीं किया। इसके बाद जैसे ही लोको पायलट ने आगे जाकर इसकी सूचना दी कंट्रोल रूम एवं नजदीकी स्टेशन मास्टर को दिया उसके बाद नक्सलियों ने महादेवशाल और पोसैता स्टेशन के बीच उसी जगह बम विस्फोट कर गुरूवार रात 11:14 बजे थर्ड लाइन को उड़ा दिया।

चक्रधरपुर स्टेशन में यात्रियों और रेलर्मियो के ट्रेन खुलने को लेकर होता नोकझोंक

रांगरा और तोपाडीह रेलवे स्टेशन के बीच नक्सलियों ने बम को किया था प्लांट

नक्सलियों ने केवल एक जगह नहीं बल्कि चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले खनन बहुल क्षेत्र रांगरा और तोपाडीह रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे किलोमीटर पोल नंबर 482/16 पर भी इसी तरह नक्सली पोस्टर बैनर लगाया था और बम भी प्लांट किया था, लेकिन यहां नक्सलियों ने बम धमाका नहीं किया।

मालगाड़ी के लोको पायलट ने इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल को दी। जिसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन के आदेश पर बंडामुंडा-करमपदा रूट पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद शुक्रवार की सुबह रेलवे कर्मचारियों के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में रेलवे ट्रैक की जांच करने के बाद सुबह करीब दस बजे इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन पुनः शुरू किया गया।

एक ही दिन में मंडल के हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग और खनन बहुल रेल मार्ग को दहलाने की बड़ी साजिश से रेलवे सकते में है। इन दाेनो घटनाओं के बाद चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में रेलवे अधिकारियों की बड़ी ऑनलाइन बैठक रेलवे बोर्ड और जोनल वरीय रेल अधिकारियों के साथ हुई है। इस बैठक में ट्रेन परिचालन को सुरक्षित तरीके से करने को लेकर मंथन भी किया गया है।

यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम गजराज सिंह ने बताया है की रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इसलिए सुरक्षित रेल यात्रा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों का परिचालन फिर से बहाल किया गया है।

देर गुरूवार की रात को जैसे ही पटरी उड़ाए जाने की सूचना मिली उसके बाद डीआरएम समेत तमाम वरीय रेल अधिकारी ट्रेन परिचालन कंट्रोल रूम पहुंचे और यात्रियों की सुरक्षा को पहले सुनिश्चित किया। जिला प्रशासन के बम निरोधक दस्ते की मदद ली गयी और पटरियों की जांच की गयी।

आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा पटरी को फिट और सुरक्षित घोषित किये जाने के बाद शुक्रवार सुबह 8:40 बजे ट्रेनों का परिचालन फिर से बहाल किया गया। ट्रेन रात भर खड़ी रही।

रेलवे के द्वारा खाने पीने की चीजें यात्रियों उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने कहा कि‍ रात में यात्री ट्रेन के परिचालन से पहले एक लाइट इंजन या पेट्रोलिंग कार को रवाना किया जा रहा है। पटरी सही पाए जाने के बाद ही यात्री ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।

चक्रधरपुर रेल मंडल में रात में फिर से बंद हो सकता है परिचालन

सूत्रों की मानें तो ख़ुफ़िया विभाग ने रेलवे को चेताया है की बंद के दौरान भाकपा माओवादी रेलवे को अपने सॉफ्ट टारगेट पर रखी हुई है। चक्रधरपुर से लेकर राउरकेला तक नक्सल प्रभावित इलाकों में मौजूद स्टेशनों के आसपास नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में सक्रिय हैं।

इस ख़ुफ़िया रिपोर्ट से रेलवे बोर्ड तक हड़कम्प मचा हुआ है। ऐसे में रात के अंधेरे में ट्रेन परिचालन को फ़िलहाल रोकने की सलाह दी जा रही है। हालांकि सुरक्षा के इस विषय को लेकर रेलवे बोर्ड बेहद गंभीर है और लगातार आनलाइन बैठक कर रात में ट्रेन परिचालन पर फैसला लेगी।

इधर सीनियर डीसीएम गजराज सिंह ने कहा है की ऊपर से जैसे आदेश आएंगे उन्हीं आदेशों का अनुपालन कर सुरक्षित ट्रेन परिचालन को सुनिश्चित किया जायेगा।

ज्ञानेश्वरी रेल हादसे के बाद 571 दिन रात में ट्रेनों का परिचालन था बंद

वर्ष 2010 के 27-28 मई की रात माओवादियों ने झारग्राम स्टेशन के पास रेल पटरी उड़ाकर ज्ञानेश्वरी ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कर करीब 150 से अधिक रेल यात्रियों की जान ले ली थी।

माओवादियों द्वारा रात के अंधेरे में की गयी इस घटना से घबराई रेल प्रशासन ने चक्रधरपुर रेल मंडल में उस वक्त 571 दिन तक रात 09:00 बजे के बाद यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी थी।

नक्सलियों का ऐसा खौफ इस दौरान था की रात के नौ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक चक्रधरपुर से लेकर राउरकेला तक ट्रेन नहीं चलती थी। मौजूदा स्थिति को लेकर भी ख़ुफ़िया विभाग रेलवे को सचेत करता नजर आ रहा है।

नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है और रेलवे सॉफ्ट टारगेट पर दोबारा नजर आ रहा है। ऐसे में रात में ट्रेन चलाना जोखिम भरा हो सकता है।

अंतिम फैसला अब रेलवे बोर्ड को लेना है की रात में चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेनों का परिचालन जारी रखा जाए या फिर पायलट पेट्रोलिंग के साथ यात्री ट्रेनों को रात में चलाया जाये।

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