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Chaibasa: CRPF कैंप पर नक्सलियों ने की करीब 40 राउंड फायरिंग, कोल्हान के जंगलों में छिपा है 1करोड़ ईनामी बेसरा

कोल्हान के घने जंगल में स्थित दो गांवों में नक्सलियों ने करीब दो महीने से कब्जा कर रहा है। सुरक्षाबल लगातार गांव को नक्सलियों के गिरफ्त से छुड़ाने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं वहीं नक्सली बड़ी संख्या में आईईडी बम गांव के रास्तों पर लगा रखे हैं।

By Sudhir PandeyEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 14 Mar 2023 11:39 PM (IST)
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तुम्बाहाका के पास सीआरपीएफ कैंप पर नक्सलियों ने की फायरिंग।

सुधीर पांडेय, चाईबासा: कोल्हान के घनघोर जंगल में नक्सलियों के कब्जे वाले तुम्बाहाका गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीआरपीएफ 197 बटालियन के कैंम्प पर फायरिंग की घटना हुई है।

नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किया 40 राउंड फायरिंग

नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर घात लगाकर सोमवार देर शाम सीआरपीएफ कैम्प पर करीब 40 राउंड फायरिंग की। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी जब फायरिंग शुरू की तो नक्सली पीछे हट गये। सीआरपीएफ सूत्रों ने इस घटना की पुष्टि की है।

फायरिंग के बाद हुआ था आईईडी विस्फोट

बताया जा रहा है कि फायरिंग की इस घटना के बाद मंगलवार सुबह जंगल में आइईडी विस्फोट भी हुआ है। सीआरपीएफ अधिकारियों ने इसमें नक्सलियों को क्षति होने की आशंका जाहिर की है।

हालांकि विस्फोट से हुए किसी तरह के नुकसान की पुष्टि अभी तक नहीं हो पायी है। नक्सली फायरिंग के बाद कैंप की सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है। साथ ही साथ जवानों को 24 घंटे सतर्क रहने को कहा गया है।

दो महीने से दो गांवों पर दो महीने से कब्जा

पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र में पड़ने वाला तुम्बाहाका और सरजमबुरू गांव दो महीने से अधिक समय से नक्सलियों के कब्जे में है। यहां एक करोड़ का ईनामी माओवादी संगठन का पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा और अनल समेत करीब एक दर्जन बड़े नक्सली डेरा डाले हुए हैं।

रास्तों पर बड़ी संख्या में लगा रखे हैं आईईडी बम

तुम्बाहाका व सरजमबुरू के घनघोर जंगल में ये अपना शिविर बनाकर रह रहे हैं। सुरक्षाबलों से बचने के लिए नक्सलियों ने दोनों गांवों के आसपास के रास्तों में बड़ी संख्या में आइईडी लगा रखे हैं।

चार ग्रामीणों की हो चुकी है मौत

इन आइईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के करीब एक दर्जन जवान जख्मी हो चुके हैं। चार स्थानीय ग्रामीणों की भी मौत हो चुकी है। इन गांवों में जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। आइईडी लगे होने के कारण सुरक्षाबल इन गांवों में नहीं घुस पा रहे हैं।

CRPF डीजी चाईबासा ने नक्सलियों के वर्चस्व को खत्म करने का दिया निर्देश

बता दें कि पिछले दिनों सीआरपीएफ के डीजी चाईबासा में सीआरपीएफ की सभी बटालियन के कमांडेंट के साथ बैठक कर तुम्बाहाका व सरजमबुरू से नक्सलियों के वर्चस्व को खत्म करने के लिए बड़ा अभियान चलाने का निर्देश दे चुके हैं।

प्राथमिक विद्यालय तुम्बाहाका व हुसीपी में पढ़ाई बंद

नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र वाले टोंटो प्रखंड में अवस्थित प्राथमिक विद्यालय तुम्बाहाका जनवरी माह से ही बंद पड़ा है। अब जानकारी आ रही है कि इसी क्षेत्र में गोइलकेरा प्रखंड की सीमा से सटा प्राथमिक विद्यालय हुसिपी भी करीब 2 सप्ताह से बंद है। दोनों विद्यालयों के शिक्षकों ने नक्सली भय की वजह से विद्यालय जाना बंद कर दिया है।

इस संबंध में जिला प्रशासन को भी संबंधित शिक्षकों ने अवगत करा दिया है। प्रावि तुम्बाहाका के सहायक शिक्षक रुबनेश कुजूर और फ्रांसिस कुजूर हैं। ये दोनों शिक्षक 16 जनवरी के बाद से अपने विद्यालय नहीं गये हैं।

इसी तरह प्रावि हुसीपी में सहायक शिक्षक सतीश चंद्र नाग हैं। इन्होंने भी नक्सली भय की बात कहते हुए विद्यालय जाना बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि तीनों शिक्षक वर्तमान में अपने पदस्थापन विद्यालय के समीप के दूसरे विद्यालय जाकर उपस्थिति बना रहे हैं।

ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह हुआ प्रभावित

नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच चल रही जंग के बीच तुम्बाहाका व सरजमबुरू में ग्रामीण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इन दोनों गांवों के ग्रामीण बड़ी मुश्किल से सशर्त बाहर निकल पाते हैं। टोंटो में रह रहे कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उनके रिश्तेदार तुम्बाहाका व सरजमबुरू गांव में रहते हैं। उन्हें बहुत जरूरी होने पर सशर्त गांव से बाहर निकलने दिया जाता है।

भय के माहौल में जी रहे ग्रामीण

गांव वालों को कहा गया है कि हर हाल में दोपहर 4 बजे तक गांव में घुस जाना है। इसके बाद गांव में किसी को प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा। मजबूरन देर होने पर ग्रामीणों को अगल-बगल के गांव में रात गुजारनी पड़ती है। उन्हें यह भी भय सताता है कि सीआरपीएफ वाले कहीं नक्सली समझकर उन्हें गिरफ्तार न कर लें।

क्या बोले शिक्षा अधिकारी

बीईईओ तपन सतपथी ने इस मामले पर बात करते हुए बताया कि प्राथमिक विद्यालय तुम्बाहाका व हुसीपी में वर्तमान में पढ़ाई नहीं हो रही है। दोनों विद्यालयों में शिक्षक नहीं जा रहे हैं। पूर्व में शिक्षक गये थे मगर माओवादियों के धमकाने के बाद से शिक्षक विद्यालय नहीं जा रहे हैं।

इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है। जब तक माहौल सुधर नहीं जाता तब तक संबंधित शिक्षकों को नजदीक के विद्यालय में जाकर ड्यूटी करने को कहा गया है।

झारखंड पुलिस ने गांव को बंधक बनाने की बात को बताया गलत

वहीं झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी. होमकर ने इस मद्दे पर कहा कि गांव को बंधक बनाने की बात गलत है। पुलिस लगातार अभियान चला रही है। तुम्बाहाका और सरजमबुरू गांव के आस पास में फोर्स लगातार नक्सलियों पर भारी पड़ रही है।

सर्च ऑपरेशन में ग्रामीण कर रहे सहयोग

उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन में ग्रामीणों का लगातार सहयोग मिल रहा है। फायरिंग कर नक्सलियों के भागने की बात सही है। उनके खिलाफ अभियान तेज है। वे अब तेजी से सिमट रहे हैं, यही वजह है कि बौखलाहट में हैं। इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाने के लिए संयुक्त बल लगातर अभियान चला रहे हैं।

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