'लोको पायलट 18 घंटे से ज्यादा चला रहे हैं ट्रेन', PMO और रेल मंत्री से की शिकायत; सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
चक्रधरपुर रेल मंडल के झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन के एमसीएल ब्लॉक केबिन में लोको पायलटों से 08 नहीं बल्कि 18 घंटे से ज्यादा काम कराने का मामला सामने आया है। यहां रेल चालकों से बिना रेस्ट दिए ट्रेनों को चलवाया जा रहा है। इसको लेकर सोशल मिडिया एक्स पर एक ऑर्डर की फोटो वायरल है और इस पोस्ट को पीएमओ राहुल गांधी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को टैग किया है।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल में लोको पायलटों से 08 नहीं बल्कि 18 घंटे से ज्यादा काम कराया जा रहा है और उन्हें बिना रेस्ट दिए उनसे ट्रेनों को चलाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला चक्रधरपुर रेल मंडल के झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन के एमसीएल ब्लाक केबिन में देखने को मिला है।
यहां रेलवे अधिकारियों के भारी दबाव में लोको पायलट जबरन 18 घंटे काम कराया जा रहा है। इसको लेकर सोशल मिडिया एक्स पर एक ऑर्डर की फोटो पोस्ट जारी कर पीएमओ, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को टैग किया गया है।
15 जुलाई की है घटना
घटना बीते 15 जुलाई सोमवार को मालगाड़ी संख्या बीओबीआर/एसईबीडी/ लोको संख्या 27700/24559 की है। सिमोनिमस नामक एक्स अकाउंट से जारी पोस्ट में लिखा गया है की चक्रधरपुर रेल मंडल के सेक्शन कंट्रोलर चुनचुन चौधरी और ऑन ड्यूटी एमसीएल ब्लॉक केबिन के स्टेशन मैनेजर आरके सिन्हा ने भारी दबाव देते हुए लोको पायलट को लगातार 18 घंटे से ज्यादा एक मालगाड़ी चलाने के लिए मजबूर किया है।
ट्रेन चालक की हो गई थी तबियत खराब
बताया जाता है की इस दौरान ट्रेन चालक की तबियत भी खराब हो चुकी थी। लेकिन किसी तरह वह ट्रेन को चलाकर उसके गंतव्य मार्ग तक पहुंचाया। पोस्ट में सवाल उठाया गया है की लगातार 18 घंटे से ज्यादा लोको पायलट पर दबाव डालते हुए ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट को मजबूर किया जा रहा।
ऐसे में अगर कोई हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। ऑर्डर की फोटो सोशल मिडिया में जारी होते ही चक्रधरपुर रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है।
रेल हादसों का कारण आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी माना गया
बता दें कि पिछले दिनों लगातार बढ़ते रेल हादसों का कारण रेल चालकों से तय मानक आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी कराना माना जा रहा था। जिस पर रेलवे ने सफाई दी थी की आठ घंटे से ज्यादा किसी भी रेल चालक को लगातार काम कराया नहीं जाता है।
लेकिन अब लोको पायलट सोशल मीडिया में रेलवे के अन्दर लोको पायलट के साथ हो रही ज्यादतियों की कहानी डालकर रेलवे को सवालों के घेरे में फिर से लाकर खड़ा कर दिया है।
रेलवे ने मामलों को लेकर दी सफाई
बता दें की राहुल गांधी ने पिछले दिनों जब दिल्ली में रेलवे के लोको पायलटों की समस्याओं को उठाया तो रेलवे ने मामले को लेकर सफाई देना शुरू किया था। रेल चालकों के मुद्दों को राहुल गांधी द्वारा उठाये जाने के बाद अब रेल चालक एक एक कर रेलवे द्वारा रेल चालकों के शोषण की कहानी को बाहर लाने लगे हैं।
मालूम रहे की चक्रधरपुर के झारसुगुड़ा सरडेगा रेलवे सेक्शन में इन दिनों कोयले की ढुलाई रेलवे के द्वारा तेजी से की जा रही है। यहां रेल कर्मियों से भारी दबाव में काम लिए जाने की शिकायत मिलती रहती है।
रेल चालक से 18 घंटे से ज्यादा ट्रेन चलाने का मामला बेहद गंभीर है जिसपर रेलवे के वरीय अधिकारियों को संज्ञान लेने की जरूरत है। नहीं तो रेल चालक भी अनुमान लगा रहे हैं की किसी दिन बड़ा रेल हादसा हो सकता है।
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