मानकी-मुंडा व डाकुवा अपने अधिकार को समझे और छोटे मामलों का करें निराकरण : एसडीओ
ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन डायन-बिसाही जैसी घटनाएं घटती रहती है। जबकि इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अपनी विभिन्न टीमों के माध्यम से जागरूकता गांव-गांव में फैला रही है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन डायन-बिसाही जैसी घटनाएं घटती रहती है। जबकि इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अपनी विभिन्न टीमों के माध्यम से जागरूकता गांव-गांव में फैला रही है। इसके बावजूद कुछ दिन के बाद ऐसी घटनाओं को अंजाम दे दिया जाता है। इसलिए गांव में किसी तरह का मामला हो तो पहले मानकी-मुंडा व डाकुवा को अपने स्तर से सुलझा लेना चाहिए। इसके बावजूद बात न बने तो पंचायत में मुखिया, पंचायत समिति सदस्य के माध्यम से सुलझ जाना चाहिए। फिर भी बात न बने तो अपने नजदीकी थाना, सदर अनुमंडल पुलिस कार्यालय व सदर अनुमंडल कार्यालय में आवेदन देकर सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि बात आगे नहीं बढ़े और इस तरह की घटनाओं में विराम लगाया जा सके। यह बात रविवार को मुफस्सिल थाना परिसर में मानकी-मुंडा, डाकुवा व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए सदर एसडीओ शशींद्र कुमार बड़ाईक ने कही। उन्होंने कहा कि मानकी-मुंडा, डाकुवा व पंचायत प्रतिनिधि अपने अधिकारों को समझे और छोटे मामलों के निराकरण के लिए रास्ता निकाले। सदर एसडीपीओ दिलीप खलखो ने कहा कि बहुत सी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्र में हब्बा-डब्बा के दौरान होती है। इसलिए हब्बा-डब्बा को पूरी तरह से बंद करा दिया गया है, फिर भी अगर किसी गांव में ऐसा खेल होता है तो सूचित करें जो लोग इस खेल से जुड़े है उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शिकायतकर्ता का नाम कही नहीं आएगा। मुफस्सिल थाना प्रभारी पवन चंद्र पाठक ने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा देना मेरी पहली प्राथमिकता है। अगर किसी भी ग्रामीण को बेवजह कोई परेशान करता है तो उसकी शिकायत लिखित में मुंडा के द्वारा करें तुरंत कार्रवाई की जाएगी। बस आप लोगों को पुलिस पर भरोसा रखना होगा। उसी भरोसे से गांव में शांति और खुशहाली आएगी। बैठक में पदाधिकारियों के सामने मानकी-मुंडा, डाकुवा व पंचायत प्रतिनिधियों ने विभिन्न समस्याओं से जुड़े मामलों को रखा। मौके पर महिला थाना प्रभारी मीनू कुमारी व मुखिया सुमित्रा देवगम के अलावा बड़ी संख्या में मानकी-मुंडा, डाकुवा व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।