केन्द्राधीक्षक करते रहे इंतजार, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देने नहीं पहुंचे हजारों छात्र; अब उठ रहे सवाल
रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा आयोजित की गई लेकिन बहुत ही कम संख्या में परीक्षार्थी यहां परीक्षा में शामिल होने के लिए पहुंचे। वहीं कुछ परीक्षा केन्द्र ऐसे भी थे जहां एक भी बच्चा परीक्षा देने के लिए नहीं पहुंचा। अब सवाल ये उठ रहा है कि मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना जैसी महत्वपूर्ण छात्रों की योजना के साथ कौन खिलवाड़ कर रहा है।
संवाद सहयोगी, चाईबासा। Mukhyamantri Medha Scholarship Exam मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना जैसी महत्वपूर्ण छात्रों की योजना के साथ खिलवाड़ कौन कर रहा है। झारखंड सरकार राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेकर वर्ष में 12 हजार रुपये छात्रवृति प्रदान करती है।
इस राशि से उनको पठन-पाठन में काफी मदद मिलती है लेकिन जब परीक्षा के दिन छात्र परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे तो सवाल उठता है कि इसके लिए दोषी कौन शिक्षा विभाग, संबंधित स्कूल के शिक्षक या स्वयं परीक्षार्थी।
रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के 52 परीक्षा केन्द्र में 18 हजार 202 बच्चों को मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देनी थी लेकिन मात्र 4 हजार 703 परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए।
बहुत कम संख्या में पहुंचे बच्चे
इसको लेकर सभी परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा को लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई थी लेकिन केन्द्र में केन्द्राधीक्षक बच्चों का इंतजार करते रहे परंतु बहुत कम संख्या में बच्चे परीक्षा देने पहुंचे।
कुछ परीक्षा केन्द्र में एक भी बच्चा परीक्षा देने नहीं पहुंचा। यह हाल जिला मुख्यालय चाईबासा के परीक्षा केन्द्रों का था। प्रखंडों में क्या हाल होगा इसका अंदाजा ही सिर्फ लगाया जा सकता है।
पदमावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर चाईबासा में 404 बच्चों को परीक्षा देनी थी लेकिन इसमें से मात्र 58 बच्चे ही पहुंचे थे। इसमें भी आदिवासी जनजातीय आवासीय विद्यालय की 54 छात्राएं शामिल थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।