पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र से मार्मिक घटना प्रकाश में आयी है। प्रसव के समय पर घर पर कोई भी नहीं रहने की वजह से एक नाबालिग प्रसूता की प्रसव के बाद तड़प-तड़पकर मौत हो गई है। रात भर नवजात शिशु के बगल में मां मृत पड़ी रही। घटना कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के कुलावा गांव अंतर्गत बुरुकुलावा टोला की है।
संवाद सूत्र, कुमारडुंगी। पश्चिम सिंहभूम के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में मार्मिक घटना प्रकाश में आई है। प्रसव के समय पर घर पर कोई भी नहीं रहने के कारण एक नाबालिग प्रसूता की प्रसव के उपरांत तड़प-तड़पकर मौत हो गई है। रात भर नवजात शिशु के बगल में मां मृत पड़ी रही।
घटना कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के कुलावा गांव अंतर्गत बुरुकुलावा टोला की है। बुरुकुलावा निवासी 15 वर्षीय लादू कोड़ा की पत्नी सोमवारी कोड़ा (15) ने सोमवार सुबह 5 बजे एक शिशु को जन्म दिया था।
खबर सुनकर कुलावा गांव निवासी लादू कोड़ा के मामा सागर हेम्ब्रम व सपानी कुई उनके घर पहुंचे थे। वहां बच्चे को नहला-धुलाकर प्रसूता सोमवारी कोड़ा को भोजन भी करवाया था, लेकिन शाम होते ही वे प्रसूता को छोड़ वापस अपने घर चले गए। इस दौरान प्रसूता सोमवारी कोड़ा अपने नवजात बच्चे के साथ घर में अकेले ही थी।
सोमवारी कोड़ा की कम उम्र में शादी एवं प्रसव होने के कारण वह चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ थी। रात को भोजन नहीं मिलने एवं ठंड के कारण उसने काफी चीख-पुकार मचाई। पर कोई भी सामने नहीं आया। सोमवार रात करीब 9:30 बजे तड़प-तड़प कर उसने घर में ही दम तोड़ दिया।
मृत मां के बगल में 12 घंटा पड़ा रहा नवजात शिशु
प्रसूता की मौत तड़प-तड़प कर सोमवार रात करीब 9:30 बजे हो गई थी। नवजात शिशु वहीं मृत सोमवारी कोड़ा के बगल में सो रहा था। रात को बच्चा भी उठकर भूख से काफी रोया। रो-रोकर दोबार सो गया।दूसरे दिन मंगलवार सुबह 9 बजे मृतका के पति लादू कोड़ा ने अपने घर आकर बच्चे को मृतका मां के पास से अलग किया। शाम 4 बजे सहिया के दूध लाने के बाद ही बच्चे को दूध पिलाया गया। लादू कोड़ा के आने के बाद ही मृतका के दाह संस्कार का कार्य गांव में ही किया गया।
जून 2022 में हुआ था सोमवारी का विवाह
मृतका के पति लादू कोड़ा ने बताया कि वह दो सप्ताह पहले ही काम की तलाश में ओडिशा के भुवनेश्वर गया हुआ था। सोमवार की रात को पत्नी की मृत्यु होने की खबर गांव के लोगों ने उसे दी थी। खबर सुनते ही वह मंगलवार की सुबह 9 बजे अपने गांव पहुंचा था। उसने बताया की घर में हम पति-पत्नी ही रहते थे। मेरे माता-पिता बचपन में ही गुजर गए हैं।
एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी कादवाड़ी गांव में हो चुकी है। घर परिवार में उसका कोई भी नहीं है। कोरोना काल में अपने जीवन यापन के लिए मैं काम की तलाश में भुवनेश्वर गया हुआ जहां मेरी जोड़ा निवासी सोमवारी कोड़ा से मुलाकात हुई थी। वहीं पर जून 2022 दोनों ने शादी कर ली। शादी होने के बाद से ही दोनों गांव आ गए थे। लादू कोड़ा ने बताया कि काम की तलाश में पत्नी को घर में अकेले छोड़ मैं परदेस जाता रहता हूं।
सड़क नहीं होने से नहीं मिल पाई स्वास्थ्य सुविधा
गांव की सहिया सोनामी तिरिया ने बताया कि रविवार को प्रसूता सोमवारी के घर गयी थी। उस वक्त उसे किसी प्रकार की प्रसव पीड़ा नहीं हो रही थी इसीलिए उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। दूसरे दिन अचानक खबर मिली की सोमवारी कोड़ा ने घर पर ही एक बच्चे को जन्म दिया है।खबर मिलने के बाद शाम 4 बजे ममता वाहन लेकर वह कुलावा गांव पहुंचे थी, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण ममता वाहन को बुरुकुलावा टोला नहीं पहुंचा जा सका। इसी कारण से प्रसूता को अस्पताल भी नहीं ले जाया जा सका। हालांकि, इससे पहले प्रसुता को दो बार अस्पताल ले जाया गया है। इसके अलावा उसे मिलने वाले सभी टीका दिलाया गया है। इसके बाद भी उसकी मृत्यु हो गई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
मुझे इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। सहिया को जानकारी देनी चाहिए। नवजात शिशु को अस्पताल पहुंचाने के लिए ममता वाहन भेजते हैं। उसे दो दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। स्वस्थ रहने पर डिस्चार्ज किया जाएगा।- डॉ. राजशेखर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कुमारडुंगी।इस तरह की घटना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। गांव वालों को इस तरह से पीड़िता को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए था। बच्चे को जितना जल्दी हो सके स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी।- ज्योति वंदना कुजुर, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुमारडुंगी
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