'जल, जंगल व जमीन पर...', सिंहभूम लोकसभा सीट की नवनिर्वाचित सांसद ने बताई भविष्य की योजनाएं व प्राथमिकताएं
सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से झामुमो की नवनिर्वाचित सांसद जोबा माझी ने अपनी भविष्य की योजनाएं व प्राथमिकताएं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जल जंगल जमीन पर आदिवासी-मूलवासियों का अधिकार कायम रहेगा तो ही इनके अस्तित्व की रक्षा हो पाएगी। मैंने और मेरे पति ने आजीवन इसी के लिए कार्य किया है और आगे भी यह कार्य जारी रहेगा।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से झामुमो की नवनिर्वाचित सांसद जोबा माझी ने दैनिक जागरण से विशेष भेंटवार्ता में प्रश्नों के उत्तर देते हुए अपनी भविष्य की योजनाएं व प्राथमिकताएं बयान की।
उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन पर आदिवासी-मूलवासियों का अधिकार रहेगा कायम रहेगा, तो इनके अस्तित्व की रक्षा हो सकेगी। मैंने और मेरे पति ने आजीवन इसी के लिए कार्य किया है। आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। आदिवासी-मूलवासियों के स्वाभिमान की रक्षा के साथ इनकी बेहतरी के लिए कार्य जारी रखूंगी।
पलायन और उत्खनन पर ये बोलीं सांसद जोबा माझी
उन्होंने क्षेत्र में बेरोजगारी व इसके कारण होने वाले बड़ी संख्या में पलायन के प्रश्न पर कहा कि क्षेत्र की बंद पड़ी खदानों के कारण क्षेत्र का आर्थिक तंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सेल के पास कई खदानों की लीज है। इसमें पर्याप्त मात्रा में उत्खनन नहीं किया जाता।सेल की चिड़िया माइन्स में ही उत्खनन बढ़ाने व बड़ी संख्या में स्थानीय बेरोजगारों के नियोजन की भरपूर संभावना है। इस दिशा में सेल के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर बात की जाएगी। साथ ही फिलहाल सेल महज लौह अयस्क का उत्खनन कर इन्हें स्टील प्लांट को भेजने तक सीमित है।
यहां मिनी स्टील प्लांट लगाकर इसके वैल्यू एडिशन किए जाने पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टील प्लांट क्षेत्र में लगाए जाने की वे पक्षधर नहीं है। इसमें बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों की जमीनें ली जाएगी। ऐसा नहीं होना चाहिए।
जबकि मिनी स्टील प्लांट के लिए सेल के पास जमीन और क्षमता दोनों है। सेल को जिले में पर्याप्त संख्या में आईटीआई खोलकर स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करना चाहिए। उन्होंने वनोत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन की भी आवश्यकता बताई। इससे वनोत्पाद पर निर्भर लोगों की आमदनी बढ़ाई जा सकेगी।
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