रेल बजट में बड़बिल-बांसपानी रेल लिंकेज नहीं होने से बड़बिलवासी मायूस
केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में बहुप्रतीक्षित बड़बिल-बांसपानी रेल संयोगीकरण परियोजना के शामिल नहीं होने पर बड़बिल-जोड़ा नगरवासियों में मायूसी देखी गई।
संवाद सूत्र, बड़बिल : केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में बहुप्रतीक्षित बड़बिल-बांसपानी रेल संयोगीकरण परियोजना के शामिल नहीं होने पर बड़बिल-जोड़ा नगरवासियों में मायूसी देखी गई। पिछले पांच वर्षों से नगर के विभिन्न संगठनों द्वारा केंद्र, राज्य सरकार और रेल विभाग से लगातार पत्राचार, आर्थिक नाकेबंदी किए जाने व विभाग द्वारा आश्वासन के बाद भी स्थानीय लोगों की एक छोटी सी मांग की अवहेलना किए जाने का आरोप बुद्धिजीवियों ने लगाया है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारिणी सदस्य सह बड़बिल सिविल सोसाइटी के संयोजक अशोक ठक्कर ने कहा कि अंतरिम बजट में बड़बिल-बांसपानी रेल लिंकेज को स्थान नहीं देकर बड़बिल जोड़ा सहित पश्चिम ¨सहभूम के जनसाधारण के साथ केंद्र और राज्य सरकार ने विश्वासघात किया है। अंतरिम बजट के पूर्व लोगों में पूरी आशा थी कि इस बजट में अवश्य सरकार सकारात्मक पहल करते हुए बड़बिल-बांसपानी रेल संयोगीकरण की घोषणा करेगी। हजारों करोड़ रुपये का राजस्व देने वाला क्षेत्र हर बार सरकार के सौतेले रवैये का शिकार होता रहा है। बजट से एक बार फिर निराश होकर क्षेत्र के लोगों ने अपनी मांगों के लिए आगामी दिनों में जनांदोलन कर सरकार के साथ निर्णायक लड़ाई की तैयारी की है।
बड़बिल विकास परिषद के संयोजक सह जिला महासचिव इंद्रमणि बेहेरा ने कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार कहती है कि सबका साथ सबका विकास, उसी राग में प्रदेश की बीजद सरकार का स्लोगन है कि आपके विकास से हमारा विकास किन्तु देश के सबसे हाई डेनसिटी स्टील रॉ-मेटेरियल कॉरिडोर जिसका कोई कॉम्पेरिजन नहीं, जोड़ा बड़बिल क्षेत्र के जनसाधारण द्वारा पिछले पांच वर्षों से यूनाईटेड रेल लिंकेज की मांग कर रही है जिसका इस बजट में भी उपेक्षा किया गया। बार-बार केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाने, डीएमएफ से निर्माण किए जाने के लिए भी आग्रह करने के बावजूद सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने के कारण स्थानीय लोग दोनों सरकार द्वारा जनसाधारण के साथ राजनीतिक जुआ खेलने के खुलासे से परिचित हो चुके हैं। आगामी दिनों में पुन: आंदोलन की तैयारी की जाएगी।