Train Accident: हावड़ा-मुंबई मेल हादसे में रेल संरक्षा आयुक्त ने 34 कर्मियों से की पूछताछ, जांच से मचा हड़कंप
हावड़ा-मुंबई मेल हादसे में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने 34 रेलकर्मियों से गुरुवार को पूछताछ की। इस जांच से रेल मंडल मुख्यालय में हड़कंप मच गया है। जांच को गोपनीय तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। सीआरएस ने सभी 34 से मुंबई मेल हादसे से जुड़े सवाल पूछे ताकि हादसे की मूल वजह की तहकीकात हो सके और इस हादसे के जिम्मेदार रेल कर्मियों की पहचान हो सके।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़ाबांबो और राजखरसावां स्टेशनों के बीच पोटोबेड़ा गांव के समीप मंगलवार अलसुबह हावड़ा मुंबई मेल के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की जांच ने अब रफ्तार पकड़ ली है।
गुरुवार को दक्षिण-पूर्व रेलवे जोन के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ब्रजेश कुमार मिश्रा ने हादसे से जुड़े रेलवे के सात विभागों के 34 रेल कर्मियों से चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में स्थित डीआरएम सभागार में पूछताछ की है।
हावड़ा-मुंबई मेल हादसे को लेकर चल रही जांच के दौरान मौजूद रेलकर्मी। जागरण
सीआरएस ने ट्रेन नंबर 12810 हावड़ा मुंबई मेल और मालगाड़ी के चालक दल, ट्रेन मैनेजर, टीटीई, बड़ाबांबो के स्टेशन मैनेजर, चीफ कंट्रोलर सहित 34 रेल कर्मियों से बारी बारी से पूछताछ की। सीआरएस ने सभी से मुंबई मेल हादसे से जुड़े सवाल पूछे, ताकि हादसे की मूल वजह की तहकीकात हो सके और इस हादसे के जिम्मेदार रेल कर्मियों की पहचान हो सके।
सुबह से रात तक चली पूछताछ
सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह पूछताछ की रात तक चली। सीआरएस के द्वारा हादसे के हर एक पहलू को ध्यान में रखकर सवालों का जवाब लेकर उसे कलमबंद किया गया। सीआरएस की इस पूछताछ में क्या निकलकर आया है, इसकी जानकारी रेल मंडल द्वारा सार्वजानिक नहीं की गई है।
धीरे-धीरे सामान्य हो रहा ट्रेनों का परिचालन
मुबई मेल हादसे के तीसरे दिन गुरुवार को बड़ाबांबो और राजखरसावां स्टेशनों बीच अप, डाउन और मेन लाइन में 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया। रेल प्रशासन धीरे धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से करने में लगी हुई है।
वहीं, रेलवे ने गुरुवार एक अगस्त को चार ट्रेनों तथा दो एवं तीन अगस्त को चक्रधरपुर रेल मंडल से गुजरने वाली 12 ट्रेनों का परिचालन रद्द करने की घोषणा की है। दुर्घटनास्थल पर रेल प्रशासन करीबन आधे किलोमीटर तक की पुरानी रेल लाइन को उखाड़ कर नई रेल लाइन बिछाई है।
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