झारखंड राज्य के 14 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से सिंहभूम लोकसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों सबसे ज्यादा हैं। इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं और पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला खरसावां जिले के कुछ हिस्से भी आते हैं। तो पढ़ें सिंहभूम लोकसभा सीट का क्या रहा है पूरा इतिहास।
रमेश कुमार सिंह, मनोहरपुर। Singbhoom Lok Sabha Seat: सिंहभूम झारखंड राज्य के 14 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इस निर्वाचन क्षेत्र में पूरे पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले के कुछ हिस्से आते हैं।
इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आता है, जिसमें चाईबासा, सरायकेला, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर व चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र है। लोकसभा चुनाव वर्ष 1957 से वर्ष 2019 तक में सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी 7 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है।
1957 से 1971 के बीच क्या रही स्थिती
वहीं 1957 से 1971 तक लगातार 4 लोकसभा चुनाव में झारखण्ड पार्टी के प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज किया था। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से वर्ष 1996,1999 व 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज किया था।इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से मधु कोड़ा ही एक मात्र ऐसे प्रत्याशी रहे हैं, जिन्होंने स्वतंत्र रूप से 2009 के लोकसभा चुनाव में सबको पछाड़ते हुए अपनी जीत दर्ज की थी।
गीता कोड़ा को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली थी जीत
उसके बाद मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जेबीएसपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थी, पर उन्हें भाजपा प्रत्याशा लक्ष्मण गिलुवा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। लगभग 85 हजार वोट के अंतर से हार गई थी।गीता कोड़ा ने पुनः 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव में उतरी और भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा को पछाड़ते हुए लगभग 70 हजार वोटों के अंतराल से जीत दर्ज की।
इस बार गीता कोड़ा ने थामा भाजपा का दामन
इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गीता कोड़ा ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उन्हें अगले माह होने वाला लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बना लोकसभा चुनाव में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा का इस लोकसभा चुनाव में सीधा टक्कर झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी के साथ होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है।
चुनाव होगा दिलचस्प
बताते चलें कि पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन में गीता कोड़ा कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रत्याशी थी। चुनाव में गठबंधन धर्म निभाते हुए जोबा माझी ने गीता कोड़ा के समर्थन में प्रचार किया था और वोट मांगा था।
पर इस लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा और मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक रही व इस बार लोकसभा चुनाव में झामुमो पार्टी की प्रत्याशी जोबा माझी आमने सामने है। चुनाव दिलचस्प होने वाला है। अभी से ही क्षेत्र में जनता के बीच, गीता व जोबा के बीच जीत-हार का आकलन शुरू हो गया है।
सिंहभूम से इस बार चुनावी मैदान में हैं दो महिला प्रत्याशी
इस बार सिंहभूम लोकसभा सीट से दो महिला प्रत्याशी हैं। एक सांसद सह भाजपा प्रत्याशी गीता कोडा़ एवं एक पूर्व में 4 बार मंत्री रही व इस बार लोकसभा चुनाव में झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी के बीच अपनी-अपनी राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है। देखना है मतदाता किसे चुनते हैं।
सिंहभूम में अब तक चुने गए सांसद
वर्ष 1957 में शंभू चरण गोडसोरा, झारखंड पार्टी सेवर्ष 1962 में हरिचरण सोय, झारखंड पार्टी सेवर्ष 1967 में कोलाई बिरुआ, झारखंड पार्टी सेवर्ष 1971 में मोरन सिंह पुरती, झारखंड पार्टी सेवर्ष 1977 में बागुन सुम्बरूई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 1980 में बागुन सुम्बरूई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 1984 में बागुन सुम्बरूई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से
वर्ष 1989 में बागुन सुम्बरूई, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 1991 में कृष्णा मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा सेवर्ष 1996 में चित्रसेन सिंकु, भारतीय जनता पार्टी सेवर्ष 1998 में विजय सिंह सोय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 1999 में लक्ष्मण गिलुवा, भारतीय जनता पार्टी सेवर्ष 2004 में बागुन सुम्बरूई, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 2009 में मधु कोड़ा, स्वतंत्र
वर्ष 2014 में लक्ष्मण गिलुवा, भारतीय जनता पार्टी सेवर्ष 2019 में गीता कोड़ा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सेवर्ष 2024------------------------?
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