चमत्कार! सूरज उगते ही घरों की दीवारों पर दिखने लग रही है सरना झंडा की तस्वीर, पूजा-पाठ व दर्शन में जुटे लोग
सरना समाज के लोग व जिनके घरों के अंदर सरना झंडा का प्रतिबिम्ब दिख रहा है उनके यहां दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। दर्शन-पूजन भजन-कीर्तन का दौर चल रहा है। लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। इससे आदिवासियों की धर्म में आस्था भी बढ़ी है। सूरज की रोशनी के साथ ही सरना की तस्वीर दीवारों पर उकेरनी लग रही है।
रमेश सिंह, मनोहरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिला के मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न गांवों में सरना धर्म वालों के घरों के अंदर सरना झंडा का प्रतिबिम्ब नजर आने लगा है। घरों की दीवारों पर लहराता सरना झंडा का चलचित्र जैसा प्रतिबिम्ब देखे जाने से लोगों की सरना धर्म के प्रति आस्था और भी बढ़ गई है।
लहराते झंडे के दर्शन के लिए लगी लोगों की भीड़
प्रति दिन दर्जनों घरों की दीवार, जमीन व छप्पर में रंगीन सरना झंडा लहराता हुआ देखा जा रहा है। लोगों ने दर्शन के साथ-साथ पूजा अर्चना करना भी शुरू कर दिया है। सरना झंडा दर्शन व पूजा स्थल पे सरना समाज के लोग खासकर महिलाएं पूजा के साथ चढ़ावा भी भेंट कर रही हैं।
सरना धर्म के प्रति बढ़ी आदिवासियों की जागरूकता
सरना समाज के लोग व जिनके घरों के अंदर सरना झंडा का प्रतिबिम्ब दिख रहा है, उनका कहना है कि सरना सूर्य की रोशनी रहने पर ही घरों के अंदर झंडा लहराते हुए दिखता है। इसी दरम्यान पूजा अर्चना, भजन कीर्तन भी की जा रही है।
प्रति दिन दूर-दूर गांव व पड़ोसी राज्य ओडिशा से भी लोग चमत्कारी झंडा का दर्शन करने आ रहे हैं। सरना धर्म वाले इसे चमत्कारी सरना झंडा भी बोल रहे हैं। आदिवासियों में सरना धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। सरना धर्म को मानने वालों का कहना है कि सरना झंडा के प्रतिबिम्ब के दर्शन व पूजन से सुख-शांति प्राप्त हो रही है।
पहली बार यहां दिखा था सरना झंडा का प्रतिबिम्ब
मनोहरपुर प्रखण्ड के कोलपोटका पंचायत अंतर्गत प्रधानपाली के कुम्हारमुंडा के दो घर, शिव दयाल कुजूर और सुकरा मिंज के घर की दीवार पर लगभग एक माह पूर्व लहराता हुआ सरना झंडा दिखना शुरू हुआ था।
धीरे-धीरे गांव के सात और घरों में सरना झंडा चमत्कार रूप से दिखना शुरू हुआ, जिसमें से कुम्हारमुंडा के भागीरथी कच्छप, सुखराम कच्छप, शिव दयाल कुजूर, सुखराम मिंज, बसंत कुजूर, रांदास कुजूर और बिरसु कुजूर के घर में सरना झंडा दीवार पर प्रतिबिम्ब के रूप में दिख रहा।
इसके बाद रेंगालबेडा उरांव टोला, तिलिंदीरी बीजा टोली व पोटका के बाद दो दिन पूर्व ही नंदपुर के बुढ़ाहुडी टोला के एक घर मे सरना झंडा का चमत्कार देखा गया।
क्या कहना है ग्रामीणों का
एक जून को दोपहर में अचानक घर की दीवार पर सरना झंडा दिखने लगा। हमलोग पूजा-पाठ करने लगे। पूजा-पाठ से शांति मिलती है। पहले हम लोग सरना स्थल जाकर स्थापित सरना झंडा का पूजा-पाठ करते हैं। आदिवासी का झंडा घर में दिख रहा है, यह चमत्कार है।
-रमेश मिंज,ग्रामीण,तिलिंदीरी ,बिजाटोली
सरना झंडा का घर की दीवार ,घर के अंदर लहराता हुआ, एक फ़िल्म के समान दिखना कोई चमत्कार से कम नही। जिनके घरों में सरना झंडा देखा जा रहा है। उनके यहां प्रतिदिन झंडा देखने के लिए लोगों का आना-जाना लगा हुआ है। यह सरना धर्म मानने वालों की आस्था है। हम लोग इसे पूजते है। - तीला तिर्की, सरना समाज के युवा अध्यक्ष,मनोहरपुर
एक माह पूर्व ही मेरे घर के अंदर दीवाल पे सरना झंडा लहराते हुए पहली बार देखा गया था। तब से प्रतिदिन सुबह से लेकर सूर्यास्त तक झण्डा का दर्शन होता है। हम लोग श्रद्धा से पूजते व नमन करते हैं- शिव दयाल कुजूर, ग्रामीण, कुम्हारमुंडा,प्रधानपाली
मेरे यहां 15 दिनों से सरना झंडा घर के अंदर दर्शन दे रहा है। पहले हम शिव दयाल के यहां चमत्कारी सरना झंडा देखने, नमन करने व पूजन जाते थे- सुखराम कच्छप