काली ईंट से बने प्रधानमंत्री आवास की खुली पोल, उपस्वास्थ्य केंद्र के निर्माण का ग्रामीणों ने किया जमकर विरोध
Black Bricks झारखंड में जगन्नाथपुर के बड़ामहुलडीहा गांव लाल की जगह काली ईंट का इस्तेमाल कर उपस्वास्थ्य केंद्र (प्रसव केंद्र) बनाया जा रहा है जिसका ग्रामीणों ने जमकर विराध किया है। कहा कि काली ईंट टिकाऊ नहीं होती है। इससे प्रधानमंत्री आवास का निर्माण हो चुका है जो छह माह भी नहीं टिक सका।
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर। मालुका पंचायत के बड़ामहुलडीहा गांव में बन रहे उपस्वास्थ्य केंद्र (प्रसव केंद्र) के निर्माण में ग्रामीणों ने काली ईंट लगाने का विरोध किया है। ग्रामीणों ने जगन्नाथपुर के बीडीओ को आवेदन सौंपकर आपत्ति दर्ज करायी है।
ग्रामीणों ने कहा कि काली ईंट टिकाऊ नहीं होती है। उदाहरण देते हुए कहा कि गांव में वर्तमान में काली ईंट से शौचालय, नाडेप व प्रधानमंत्री आवास का निर्माण हो चुका है।
लाल ईंट का प्रयोग करने की मांग
लगभग 6 माह के अन्दर की इन आवास, नाडेप व शौचालय की स्थित जर्जरावस्था में पहुंच गई है। ग्रामीणों ने बीडीओ से गांव में काली ईंट से बने नाडेप, शौचालय व आवास की गुणवत्ता की जांच करने की मांग के साथ-साथ उपस्वास्थ्य सह प्रसव केंद्र निर्माण में लाल ईंट का प्रयोग करने की मांग की है।
क्या बोले बीडीओ?
आवेदन में मालुका पंचायत के पाताहातु के मुंडा नरकांत कोड़ा, बड़ामहुलडीहा के मुंडा सुरेंद्र सिंकू, ग्रामीण बेनी प्रसाद सिंकू, कर्तिका सिंकू, सुरेन चंद्र सिंकू का हस्ताक्षर शामिल है।
इस संबंध में बीडीओ चंदन प्रसाद ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा उपस्वास्थ्य केंद्र में काली ईंट से दीवार जोड़ाई करने का आपत्ति आवेदन आया है। इसकी जांच कराई जा रही है।
ये भी पढ़ें -
किशोरियों को रात में घर से बुलाया, जंगल में ले जाकर दो दिनों तक किया दुष्कर्म
शराब माफिया योगेंद्र तिवारी कोर्ट में पेश, रिमांड की अवधि और छह दिन बढ़ी; पूछताछ में नहीं किया सहयोग