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चिकनकारी वर्क है कैजुअल से लेकर ब्राइडल हर एक लुक में बेस्ट, जानें इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें

इंडिया से बाहर भी फैशन गलियारों में अपनी पहचान बनाने वाले चिकनकारी एंब्रॉयडरी से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिसकी जानकारी समझ बढ़ाने के साथ ही शॉपिंग के दौरान भी आएगी आपके बेहद काम।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Wed, 26 Aug 2020 11:17 AM (IST)
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चिकनकारी वर्क है कैजुअल से लेकर ब्राइडल हर एक लुक में बेस्ट, जानें इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें
बात जब फैशन की होती है तो यहां एक्सपेरिमेंट की कोई सीमा नहीं होती। लोगों की डिमांड और कम्फर्ट के बेस पर फैशन इंडस्ट्री में लगातार बदलाव होते रहते हैं। वैसे तो किसी भी पुराने ट्रेंड को हल्के बदलावों के साथ पहनकर आप डिफरेंट लुक पा सकते हैं लेकिन कुछ एक फैशन और स्टाइल ऐसे हैं जो आज भी लोगों के फेवरेट्स की लिस्ट में टॉप पर हैं जिनमें से एक है चिकनकारी, एक खास तरह का एम्ब्रॉयडरी वर्क, जो नवाबों के शहर लखनऊ की खासियत है।

मुगलों की देन है चिकनकारी

कहा जाता है कि चिकनकारी का काम मुगल बादशाह जहांगीर की बीवी नूरजहां की देन है। जो आज के मॉर्डन जमाने में भी अपनी पहचान कायम किए हुए है। और इंडिया ही नहीं, इंटरनेशनल मार्केट्स में भी इस चिकनकारी वर्क की काफी डिमांड है। कैजुअल से लेकर ब्राइडल लुक के अलावा रैंप शो में भी आप इसका टच देखने को मिल जाएगा। 

ऐसे होता है चिकनकारी का काम

चिकनकारी के काम में मशीन का कोई इस्तेमाल नहीं होता। महज सुई से कपड़ों पर ये एम्ब्रॉयडरी की जाती है वो भी अलग-अलग तरीकों से। पहले चिकनकारी का काम ज्यादातर कॉटन फैब्रिक पर ही देखने को मिलता था लेकिन बदलते वक्त के साथ मसलिन, शिफॉन, जॉर्जेट और ऑर्गेंजा जैसे कई फैब्रिक्स पर इसकी खूबसूरती नजर आने लगी। हर एक सीज़न में इसे कैरी किया जा सकता है और सबसे अच्छी बात कि यह हर एक बॉडी टाइप पर जंचता है। तो आज हम चिकनकारी की अलग-अलग वैराइटी के बारे में जानेंगे तो खरीददारी के दौरान बेहतर चुनने में आपके काफी काम आएगी।

बखिया

इस तरह की स्टिच को खासतौर से अपने डबल बैक और शेडो वर्क के लिए जाना जाता है। जो कपड़े के उल्टे साइड पर किया जाता है जिसका शेडो कपड़े के सीधे साइड पर नजर आता है और यही इसे यूनिक लुक देता है। इसे सीधी और उल्टी बखिया के तौर पर जाना जाता है।

जाली

ये डिज़ाइन खास कारीगर ही बना सकते हैं। इस डिज़ाइन की खूबसूरती होती है कि इसे बैक से देखें या फ्रंट से, दोनों तरफ डिज़ाइन्स एक जैसी ही लगती है। इसके अलावा बहुत ही छोटे-छोटे बटनहोल्स भी डिज़ाइन्स को खूबसूरत बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

हूल

बहुत ही फाइन स्टिच होती है जो 6 धागों से हार्ट शेप फ्लावर के रूप में बनाए जाते हैं। जिसमें होल्स को फैब्रिक पर ऐसे उकेरा जाता है कि ये 6 धागे एक-दूसरे से अलग होकर एक डिज़ाइन बन जाते हैं।

फांडा

मुरी वर्क के साथ आमतौर पर किया जाने वाला स्टिच वर्क है फांडा। जो खासतौर से चिकनकारी डिज़ाइन मोटिफ्स में इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों के बीचो-बीच किया जाता है। इन दोनों में बस इतना फर्क है जहां मुरी चावल के शेप डिज़ाइन होती है वहीं फांडा जौ शेप।

राहेत

बखिया स्टिच का ही एक प्रकार है जिसे दोहरा बखिया के नाम से भी जाना जाता है। फैब्रिक पर बैक स्टिचिंग से सीधी एम्ब्रॉयडरी की जाती है। इसे आउटलाइनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

जंजीरा

चेन जैसी डिज़ाइन वाले इस स्टिच को फैब्रिक के सीधे तरफ किया जाता है। ये खासतौर से फूलों और पत्तियों की आउटलाइनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

तुरपाई

ये चिकनकारी का सबसे जरूरी पार्ट होता है। पतले धागे का इस्तेमाल इस स्टिच में किया जाता है।

Pic credit- Pinterest