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Common Myths About Botox: बोटोक्स ट्रीटमेंट्स से जुड़े कुछ मिथ और उनके पीछे की सच्चाई

Common Myths About Botox बोटोक्स एक पॉपुलर कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है जो झुर्रियों और फाइन लाइंस को कम करने में असरदार माना जाता है। लेकिन इस ट्रीटमेंट को लेकर लोगों के मन में कई तरह की गलत धारणाएं हैं जिस वजह से लोग इसे लेने में कतराते हैं तो आज के इस लेख में हम इन्हीं गलत धारणाओं के पीछे का सच जानने की कोशिश करेंगे।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:50 PM (IST)
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Common Myths About Botox: बोटोक्स ट्रीटमेंट से जुड़ी गलत धारणाएं

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Common Myths About Botox: खूबसूरत दिखने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते। घरेलू उपचारों से लेकर पॉर्लर जाना और यहां तक कि अब तो लोग बोटोक्स ट्रीटमेंट्स भी लेने लगे हैं, लेकिन इसे लेकर लोगों के मन में अभी भी कई तरह की गलतफहमियां हैं। इन्हीं गलतफहमियों को लेकर हमने सेलिब्रिटी कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. मोनिका कपूर से बात की। आइए जानते हैं इन मिथकों को लेकर क्या कहना है उनका। 

मिथक 1: बोटोक्स आपके चेहरे को रूखा बना देता है।

बोटोक्स के बारे में सबसे आम गलतफहमियों में से एक यह है कि यह आपके चेहरे को ड्राई और एक्सप्रेशनलेस बना देता है, लेकिन ये सच नहीं, एक्सपर्ट बोटोक्स को इस तरह से करते हैं, जो फाइन लाइंस और झुर्रियों को कम करते हुए चेहरे की नेचुरल एक्टिविटीज को बनाए रखता है। इसका टारगेट आपके रूप-रंग को बारीकी से निखारना है, न कि आपके चेहरे को एक्सप्रेशनलेस बनाना।

मिथक 2: बोटोक्स ट्रीटमेंट केवल झुर्रियों के लिए है।

बोटोक्स केवल झुर्रियों के इलाज तक ही सीमित नहीं है। यह फाइन लाइंस को भी दूर करने में प्रभावी होता है। इसका इस्तेमाल कई दूसरी मेडिकल कंडीशन जैसे क्रोनिक माइग्रेन, बहुत ज्यादा पसीना (हाइपरहाइड्रोसिस) और मांसपेशियों में ऐंठन के इलाज के लिए भी किया जाता है। 

मिथक 3: बोटोक्स सेफ नहीं है।

एक और आम ग़लतफ़हमी यह है कि बोटोक्स असुरक्षित है। बोटोक्स का उपयोग काफी सालों से किया जा रहा है और यह कॉस्मेटिक और मेडिकल पर्पज के लिए FDA अप्रूव्ड है। जरूरी है तो बस एक्सपर्ट से कराना। जिन्हें इस प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी होती है। किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया की तरह, इसमें कुछ जोखिम होते हैं, लेकिन एक अनुभवी चिकित्सक द्वारा किए जाने पर उसके चांसेज कम होते हैं।

मिथक 4: बोटोक्स परमानेंट है

बोटोक्स कोई परमानेंट ट्रीटमेंट नहीं है। इसका प्रभाव आमतौर पर लगभग तीन से चार महीने तक रहता है, जिसके बाद मसल्स की एक्टिविटीज धीरे-धीरे वापस आ जाती है। अगर आप रिजल्ट्स से नाखुश हैं या इसका असर लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं, तो आप समय-समय पर टच-अप ट्रीटमेंट ले सकते हैं।

मिथक 5: बोटोक्स दर्दनाक है।

बहुत से लोगों को डर है कि बोटोक्स इंजेक्शन दर्दनाक होते हैं। हालांकि, ज्यादातर मरीज़ प्रक्रिया के दौरान हल्के-फुल्के दर्द की ही शिकायत करते हैं, वो भी केवल कुछ सेकंड तक ही रहती है। वैसे ज्यादातर एक्सपर्ट इन छोटी-मोटी परेशानियों से भी बचे रहने के लिए एनेस्थेसिया या बर्फ का इस्तेमाल करते है।

मिथक 6: बोटोक्स केवल बूढ़े लोगों के लिए है।

बोटोक्स अक्सर वृद्ध व्यक्तियों से जुड़ा होता है जो बढ़ती उम्र के संकेतों को कम करना चाहते हैं। हालाँकि, यह अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग तरीकों से फायदेमंद हो सकता है। 20 और 30 वर्ष की आयु के कुछ लोग झुर्रियों के प्रोसेस को धीमा करने के लिए बोटोक्स का इस्तेमाल करते हैं। फिर भी बोटोक्स लेने से पहले किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है, जो आपकी सही सलाह दे सकते हैं।

मिथक 7: बोटोक्स केवल महिलाओं के लिए है

एक और पुराना मिथक यह है कि बोटोक्स खासतौर से महिलाओं के लिए है। हाल के सालों में, बोटोक्स ट्रीटमेंट लेने वालों में पुरुषों की संख्या भी बढ़ी है। 

मिथक 8: कोई भी बोटोक्स दे सकता है।

कुछ लोगों का मानना ​​है कि बोटोक्स इंजेक्शन किसी से भी लगवाया जा सकता है। यह बिल्कुल भी सच नहीं। बोटोक्स को सिर्फ स्किन एक्सपर्ट या प्लास्टिक सर्जन जैसे प्रशिक्षित और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सा पेशेवरों द्वारा ही लिया जाना चाहिए। 

याद रखें कि बोटोक्स, जब एक योग्य चिकित्सक द्वारा किया जाता है, तो प्राकृतिक दिखने वाले परिणाम प्रदान कर सकता है। 

(डॉ. मोनिका कपूर, सेलिब्रिटी कॉस्मेटोलॉजिस्ट और फ्लॉलेस कॉस्मेटिक क्लिनिक और आईएलएसीएडी इंस्टीट्यूट की निदेशक से बातचीत पर आधारित)

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Pic credit- freepik