Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Hariyali Teej से है लहरिया का खास कनेक्शन, खूबसूरती के साथ देता है स्टाइलिश लुक

7 अगस्त को हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। इसे छोटी तीज व श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का पर्व बहुत ही खास होता है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का उत्सव होता है। हरियाली तीज पर महिलाएं खासतौर से लहरिया साड़ी सूट और लहंगा पहनती हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 07 Aug 2024 10:38 AM (IST)
Hero Image
हरियाली तीज और लहरिया का कनेक्शन (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाली तीज का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है और महिलाओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं, गीत गाती हैं और झूला झूलती हैं। हरियाली तीज हरा रंग, सोलह श्रृंगार के साथ एक और चीज जो बहुत मायने रखता है वो है लहरिया पहनना। आइए, जानते हैं कि हरियाली तीज पर लहरिया क्यों पहना जाता है और इसके पीछे की परंपरा क्या है।

लहरिया का परिचय

लहरिया राजस्थान का एक बहुत ही पुराना और मशहूर पारंपरिक टेक्सटाइल आर्ट है। इस कपड़े पर बनने वाली लहरदार डिजाइन्स इसे विशेष बनाती हैं। लहरिया शब्द 'लहर' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'लहरें'। यह डिजाइन राजस्थान की शिल्प कला का एक शानदार उदाहरण है और इसके रंग-बिरंगे पैटर्न हरियाली तीज के उत्सव में चार चांद लगा देते हैं।

हरियाली तीज और लहरिया का संबंध

1. प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक

हरियाली तीज का त्योहार मानसून के आगमन का प्रतीक है। इस समय प्रकृति हरियाली से भर जाती है और लहरिया कपड़ों के रंग और पैटर्न इसी हरियाली और खुशहाली का प्रतीक होते हैं। लहरिया के रंग-बिरंगे पैटर्न बारिश की बूंदों और नदी की लहरों की याद दिलाते हैं।

2. संस्कृति और परंपरा

राजस्थान की संस्कृति में लहरिया का विशेष महत्व है। यह कपड़ा विशेषकर तीज और राखी जैसे त्योहारों पर पहना जाता है। लहरिया पहनने से महिलाएं अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़ी रहती हैं। हरियाली तीज पर लहरिया पहनना इस संस्कृति का सम्मान और अनुसरण करना है।

3. खुशहाली और समृद्धि

लहरिया के रंग-बिरंगे डिजाइन खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। हरियाली तीज पर महिलाएं लहरिया पहनकर इस खुशहाली और समृद्धि को अपने जीवन में आमंत्रित करती हैं। यह उनके जीवन में सकारात्मकता और उल्लास का संचार करता है।

ये भी पढ़ेंः- इस Hariyali Teej 2024 साड़ी, ज्वैलरी से हटकर वाइफ को दें कुछ यूजफुल गिफ्ट्स

फैशन डिजाइनर की दृष्टि से लहरिया

पूजा चौधरी, लावन्या द लेबल की फाउंडर बताती हैं कि, 'लहरिया एक ऐसा परिधान है जो हर उम्र की महिलाओं पर फबता है। हरियाली तीज के अलावा और भी दूसरे मौकों में आप इसे ट्राई कर सकती हैं। मिरर वर्क, गोटा- पट्टी वाली लहरिया साड़ी हो या सूट या फिर लहंगा आपकी खूबसूरती में बिना ज्यादा एफर्ट के चार चांद लगा सकते हैं।' 

लहरिया को खास बनाने का काम करती हैं ये चीजें:-

1. विविधता

लहरिया साड़ी, लहंगा, कुर्ता, दुपट्टा कई कलर्स और डिजाइन में अवेलेबल हैं। महिलाएं अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार इसे पहन सकती हैं। हरियाली तीज पर हरे रंग की लहरिया साड़ी या लहंगा पहनना खासतौर से शुभ माना जाता है।

2. आरामदायक और स्टाइलिश

लहरिया के कपड़े हल्के होते हैं। मानसून के मौसम में इन्हें पहनना काफी कंफर्टेबल होता है। साथ ही, इसके चटख रंग और डिजाइन इसे स्टाइलिश बनाते हैं।

3. एथनिक और मॉडर्न

लहरिया के पारंपरिक डिजाइन के साथ-साथ इसे आजकल मॉडर्न टच भी दिया जा रहा है, जैसे, लहरिया साड़ी को ऑफ-शोल्डर ब्लाउज के साथ पहनना या लहरिया कुर्ता को पलाजो पैंट के साथ टीमअप करना। इससे यह पारंपरिक होने के साथ-साथ फैशनेबल भी बन जाता है।

हरियाली तीज पर लहरिया पहनना सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक सौंदर्य का सम्मान भी है। लहरिया के रंग-बिरंगे पैटर्न हरियाली तीज के उत्सव को और भी खूबसूरत और यादगार बना देते हैं, तो इस हरियाली तीज लहरिया के अलग-अलग आउटफिट्स ट्राई करें। परंपरा और फैशन का संगम करें और इस खूबसूरत त्योहार का आनंद उठाएं। 

ये भी पढ़ेंः- साड़ी के अलावा Hariyali Teej 2024 पर ग्रीन कलर के लहंगे और अनारकली को भी कर सकती हैं ट्राई