Sunscreen Tips: क्या घर के अंदर रहने पर भी जरूरी होता है सनस्क्रीन लगाना?
Sunscreen Tips हम जानते हैं कि धूप में बाहर निकलने से त्वचा को कितना नुकसान होता है। ऐसे में जब कोरोना महामारी के बाद से ज्यादातर लोग घर से ही काम कर रहे हैं तो सनस्क्रीन लगाना कितना जरूरी है? आइए जानें आप घर के अंदर कितने सुरक्षित होते हैं?
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sunscreen Tips: सनस्क्रीन सभी के स्किन केयर रुटीन का एक अहम हिस्सा होती है। फिर चाहे आपकी स्किन ड्राई हो, ऑयली या फिर नॉर्मल। ऐसा इसलिए क्योंकि यह आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाती है। लेकिन क्या इसे तब भी लगाना चाहिए जब आप घर से बाहर न निकल रहे हों? कोरोना महामारी के बाद से कई लोग अब घर से काम करते हैं या फिर दिन का ज्यादा से ज्यादा समय घर पर ही बिताते हैं।
इसलिए यह सवाल उचित भी है।
हम सभी जानते हैं कि घर से बाहर निकलने पर सनस्क्रीन लगानी कितनी जरूरी है और कुछ घंटों बाद इसे दोबारा लगाना भी पड़ता है। हालांकि, घर के अंदर इसे लगाना चाहिए या नहीं, इसको लेकर कंफ्यूजन बना रहता है। साथ ही बाहर नहीं निकल रहे हैं, तो किस तरह की सनस्क्रीन ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। तो आइए जानें इस सभी सवालों के जवाब।
क्या आपको घर के अंदर भी सनस्क्रीन लगाने की जरूरत होती है?
स्किन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप घर के अंदर हैं और सूरज की किरणों के संपर्क में नहीं आ रहे हैं, तो सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप खिड़की के पास ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे धूप सीधे आप पर पड़ रही है, तो आपको सनस्क्रीन जरूर लगानी चाहिए। देखा जाए, तो घर के अंदर रहने के बावजूद धूप की किरणें कहीं न कहीं तो पड़ती ही हैं, तो सनस्क्रीन लगाना बेहतर है।
कई बार लोग घरों की खिड़कियों पर यूवीए और यूवीबी किरणों को ब्लॉक करने वाले लेमीनेशन लगाते हैं। ये लेमीनेशन आपको यूवी किरणों से जरूर बचाते हैं, जिसके लिए आपको सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, यूवीए और यूवीबी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जैसा कि हम जानते हैं, यूवीए किरणें टैनिंग, एजिंग और स्किन कैंसर की वजह बन सकती हैं, वहीं, यूवीबी किरणों की वजह से ऐसी टैनिंग हो सकती है, जो लंबे सयम तक रहे, साथ ही सनबर्न और स्किन कैंसर का कारण भी बन सकती हैं। इसलिए इस तरह के जोखिम से बेहतर है कि सनस्क्रीन लगाएं।
गर्मियों में चरम पर होती हैं यूवी किरणें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्मी के मौसम में यूवी किरणों की तीव्रता काफी उच्च स्तर पर होती है, जिसका मतलब है कि पूरे दिन यूवी इंडेक्स के 3 से ऊपर रहने की संभावना होती है। ऐसे में अगर आपकुछ मिनट के लिए भी घर से बाहर निकलते हैं, तो भी आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए सुबह के स्किन केयर रुटीन के समय सनस्क्रीन लगाना एक अच्छी आदत है। अगर आपको घर से निकलना पड़ता है, तो इसे दोबारा लगाएं।
मोबाइल और गैजेट्स से निकलने वाली किरणें
सूरज की हानिकारक किरणों के अलावा हमारे मोबाइल और लैपटॉप से भी ब्लू लाइट निकलती हैं, जो त्वचा को हानि पहुंचाने का काम करती हैं। इनसे वक्त से पहले झुर्रियां, उम्र बढ़ने के निशान, डार्क स्पॉट्स और यहां तक कि स्किन कैंसर की संभावना भी बढ़ सकती है।
अगर आप झुर्रियों, फाइन-लाइन्स, टैनिंग, सनबर्न, डार्क स्पॉट्स, पिग्मेंटेशन, स्किन कैंसर के साथ त्वचा से जुड़ी दूसरी दिक्कतों से बचना चाहते हैं, तो घर पर भी सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।