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जानें भारत की कुछ मशहूर एंब्रॉयडरी और उससे जुड़ी खास बातें

कपड़ों पर की जाने वाली खूबसूरत कढ़ाई आपके फैशन और खूबसूरती में चार चांद लगा देती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे कब और कहां से हुई थी इनकी शुरूआत?

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 26 Jun 2020 11:02 PM (IST)
जानें भारत की कुछ मशहूर एंब्रॉयडरी और उससे जुड़ी खास बातें
शादी के हैवी आउटफिट्स से लेकर कैजुअल आउटफिट्स तक में की जाने वाली कढ़ाई आपकी खूबसूरती को दोगुना करने का काम करती है। भारत के छोटे-छोटे गांव और गलियों में इन कपड़ों की शान बढ़ाने वाले ऐसे कई कारीगर मौजूद हैं जिनके सधे हुए हाथ आपको आश्चर्य कर सकते हैं। तो अगर आप महंगे आउटफिट्स में इनवेस्टमेंट कर रही हैं तो बेहतर होगा कि इनके बारे में थोड़ा-बहुत जान भी लें। आज हम आपके साथ इंडिया की इन्हीं खास और मशहूर एम्ब्रॉयडरी की जानकारी शेयर करेंगे।

मिरर वर्क

जैसा कि नाम से ही आपको पता लग रहा होगा। इसमें फैब्रिक्स को छोटे-छोटे मिरर से सजाया जाता है। ये मिरर अलग-अलग शेप और साइज़ के होते हैं और फैब्रिक पर इन्हें स्टिच करने के लिए कलरफुल धागों को इस्तेमाल किया जाता है।मिरर वर्क ज्यादातर जियोमेट्रिक और फ्लोरल डिज़ाइन्स पर देखने को मिलते हैं। जिनका बेस कलर भी लगभग हमेशा एक जैसा ही होता है। वैसे अब डिज़ाइनर्स इस वर्क के साथ कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं। सिंगल कलर के धागे के साथ बड़े साइज़ वाले मिरर को इस्तेमाल करके उसे कन्टेंपररी लुक दिया जा रहा है। राजस्थानी और गुजराती ड्रेसिंग में मिरर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। लहंगा-चोली से लेकर साड़ी के बॉर्डर और अब तो जैकेट्स में भी इनका टच देखा जा सकता है।

पैच वर्क

आउटफिट्स में पैचवर्क को पहचानना भी बहुत ही आसान होता है। पैचवर्क में अलग-अलग फैब्रिक्स के छोटे-छोटे कतरनों को किसी दूसरे फैब्रिक पर एक साथ स्टिच किया जाता है। आउटफिट्स पर पैचवर्क को उभार देने के लिए पेड्स का इस्तेमाल भी किया जाता है। कॉटन फैब्रिक पर इन कतरनों को स्टिच करने के बाद इनके किनारों को सिक्विन, मिरर और पर्ल से खूबसूरत लुक देने का काम किया जा रहा है। पैचवर्क से सजे लहंगे, स्कर्ट और ब्लाउज़ को शादी के दूसरे फंक्शन्स में पहना जा सकता है। वैसे कैजुअल में जींस, टॉप और ड्रेसेज़ में भी गर्ल्स इन्हें पहनना बहुत पसंद कर रही हैं।

फुलकारी वर्क

फुलकारी कलरफुल धागों द्वारा किया जाने वाला वर्क है। जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है फुलकारी तो इस एम्ब्रॉयडरी में कलरफुल धागों का इस्तेमाल फ्लावर मोटिफ्स में किया जाता है। इसके अलावा जियोमेट्रिकल पैटर्न में भी ये एम्ब्रॉयडरी देखने को मिलती है। फुलकारी एम्ब्रॉयडरी कपड़ों के पीछे की जाती है जिससे इनका असली लुक सामने निकल कर आता है। नैचुरल और लाइट कलर्स पर ब्राइट कलर की एम्ब्रॉयडरी वाले दुपट्टे और साड़ियां खूबसूरत और ट्रेडिशनल आउटफिट्स के लिए हमेशा से ही दुल्हनों के पहली पसंद रही हैं।

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