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Monsoon Hair Fall Problem: इन कारणों से मानसून में झड़ते हैं बहुत ज्यादा बाल, ऐसे पाएं इससे निजात

Monsoon Hair Fall Problem मानसून के दौरान बालों के झड़ने की समस्या के कारण लोग इसका सही हल निकालने के विषय में सोचकर काफी ज्यादा तनाव लेते हैं। इसलिएचिंता किए बगैर उन्हें होम्योपैथी जैसे सुरक्षित और भरोसेमंद उपचारों का सहारा लेना चाहिए।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 08:00 AM (IST)
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Monsoon Hair Fall Problem: मानसून में बाल झड़ने की वजहें और उपचार

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Hair Fall Problem: चिलचिलाती गर्मी के बाद, आखिरकार मानसून का मौसम आ ही गया। वैसे तो मानसून तपा देने वाली गर्मी से जरूरी राहत देता है, लेकिन यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या भी लेकर आता है, जो है बालों से जुड़ी। बारिश के मौसम में बालों का झड़ना, रूसी, सिर में खुजली और उसका ऑयली होना ये बेहद आम समस्याएं हैं। साथ ही इस मौसम में बाल उलझते भी बहुत हैं जिसकी वजह से ये और ज्यादा टूटते हैं। वैसे तो हर मौसम के अपने फायेद और नुकसान हैं, लेकिन मानसून के दौरान सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इस अवधि में बाल बहुत ज्यादा मात्रा में झड़ते हैं। आम दिनों में जहां 80 से 100 बाल झड़ते हैं वहीं मानसून के दौरान लगभग 250 बाल झड़ सकते हैं।

मानसून के महीने में बालों का झड़ना क्यों बढ़ जाता है?

मानसून में हवा में अत्यधिक नमी की वजह से हमारे सिर पर कई तरह के बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन हो जाते हैं। हमारा सिर बैक्टीरिया और फंगस का प्रजनन स्थल बन जाता है। हमारे आसपास का नमीयुक्त वातावरण इंफेक्शन के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है, जिससे सिर पर खुजली और लालिमा आ जाती है। वातातरण में मौजूद अत्यधिक नमी हमारे सिर से प्राकृतिक ऑइल भी सोख लेती है, जिससे बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और त्वचा रूखी हो जाती है। समस्या पैदा करने वाले अन्य कारकों में नमी की वजह से अपने बालों को सूखा रख पाने की परेशानी भी है। हमारे सिर पर मौजूद नमी गंभीर रूप से हमारे बालों के फॉलिकल्स (रोमकूप) को कमजोर कर देती है, जिससे वे बेजान और रूखे हो जाते हैं। इससे बाल उलझते हैं और फिर उनके झड़ने की समस्या पैदा हो जाती है।

मानसून के दौरान बालों के झड़ने में होम्योपैथी का प्रभाव

होम्योपैथ एक प्रमाणित विज्ञान है, जो प्राकृतिक रूप से कई तरह की समस्याओं का उपचार करने में मददगार साबित हुआ है। बालों का झड़ना उन्हीं में से एक समस्या है। वैसे तो बालों के झड़ने की कई सारी वजहें हैं लेकिन होम्योपैथ के दवाएं बालों के झड़ने के मुख्य कारणों का इलाज करने में प्रभावी रही हैं। मानसून के दौरान कई लोगों को बालों के झड़ने की समस्या होती है; नमीयुक्त मौसम और थायरॉइड या पीसीओडी जैसी अंतर्निहित समस्याओं की वजह से और भी ज्यादा बाल टूटते हैं। होम्योपैथी एक सर्वांगीण विधि है जो रोगी की शारीरिक, उनके वातावरण और मानसिक बनावट का ध्यान रखती है। इसका मतलब है कि होम्योपैथ में मौसम की स्थितियों और उससे जुड़े अन्य कारणों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। होम्योपैथ की दवाएं वनस्पति- आधारित सामग्रियों से तैयार की जाती हैं, जो उन्हें सुरक्षित और प्रभावी बनाती हैं और उनका कोई एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर) भी नहीं होता है। इसलिए, एक प्रोफेशनल होम्योपैथ से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि अंतर्निहित बीमारियां मानसून के दौरान बालों के झड़ने की रफ्तार को और भी बढ़ा सकती हैं।

(डॉ. अक्षय बत्रा, डॉ.बत्रा ग्रुप ऑफ कंपनीज के वाइस-चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर और द ट्राइकोलॉजिकल सोसाइटी, लंदन के प्रथम भारतीय प्रेसिडेंट से बातचीत पर आधारित)

Pic credit- freepik