Sunscreen Myths: क्या हर मौसम में जरूरी है सनस्क्रीन? जानिए इससे जुड़े मिथक और फैक्ट्स
Sunscreen Myths सनस्क्रीन लगाने से हमारी स्किन धूप की हानिकारक किरणों से सुरक्षित रहती है। बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है। अक्सर लोग बरसात या सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने से बचते हैं। इससे कई तरह के मिथक भी जुड़े हैं। जिन पर लोग यकीन करते हैं। तो आइए जानते हैं इन मिथकों की क्या है सच्चाई।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sunscreen Myths: सनस्क्रीन हमारे स्किन केयर रूटीन का अहम हिस्सा होता है। यह त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसके साथ ही स्किन पिग्मेंटेशन, सन बर्न और स्किन कैंसर तक से सनस्क्रीन हमारी मदद करता है। हालांकि मार्केट में सनसक्रीन की कई वैरायटी मिलती हैं, लेकिन सनस्क्रीन को एसपीएफ (SPF) लेवल देखकर खरीदा जाता है। ज्यादातर एसपीएफ (SPF) 50 तक की सनस्क्रीन पर्याप्त होती है।
सनस्क्रीन से जुड़े कई मिथक हैं जिन्हें जान लेना है बेहद जरूरी
हर मौसम में सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं
बहुत से लोग मानते हैं कि सनस्क्रीन केवल तब लगाना चाहिए, जब धूप में जा रहे हैं या गर्मी का मौसम हो, लेकिन ये धारणा बहुत गलत है। दरअसल अल्ट्रावॉयलेट रेज किसी भी मौसम में या जितनी भी हमारे शरीर पर पड़े हानिकारक ही होती है। इसलिए हमेशा सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। चाहे गर्मी का मौसम हो या ठंडी का।
स्विमिंग पूल में सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं
बहुत से लोग स्विमिंग पूल में नहाते वक्त सनस्क्रीन नहीं लगाते हैं। उन्हें लगता है कि पानी में जा रहे हैं, तो सनस्क्रीन की क्या जरूरत, लेकिन स्विमिंग पूल में नहाते वक्त सनबर्न हो सकता है, क्योंकि पानी सूरज की रोशनी को रिफ्लेक्ट करता है। इसलिए पानी में जाते समय सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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