त्वचा को हेल्दी, ग्लोइंग और पिंपल फ्री रखने में बेहद असरदार है Skin Fasting, रखें इन बातों का खास ध्यान
चेहरे की असमान रंगत हर कुछ दिनों में लौट आने वाले कील-मुंहासे ड्राईनेस जैसी समस्याओं ने आपको भी कर रखा है बहुत ज्यादा परेशान तो आपको जरूरत है स्किन फास्टिंग की। जिसमें कुछ दिनों तक ब्यूटी एंड स्किन केयर प्रोडक्ट्स से दूरी बनानी होती है। ये काफी हद तक स्किन से जुड़ी समस्याएं दूर करता है। जानेंगे इसके ऐसे ही कुछ फायदे व जरूरी सावधानियों के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मेकअप चेहरे के दाग-धब्बों को छिपाकर आपको खूबसूरत दिखाने का बहुत ही अच्छा तरीका है, लेकिन हर वक्त मेकअप में रहने से स्किन को कई दूसरे तरह के नुकसान होते हैं। इससे चेहरे का नेचुरल ग्लो कम होने लगता है। चिन, लिप्स और नाक के आसपास की स्किन डार्क हो सकती है और लिप्स की भी रंगत बदलने लगती है। अगर आपको भी मेकअप उतारने के बाद ये सारी परेशानियां नजर आ रही हैं, तो आपको जरूरत है स्किन फास्टिंग की। आइए जानते हैं क्या है स्किन फास्टिंग और इसके फायदे।
क्या है स्किन फास्टिंग?
स्किन फॉस्टिंग यानी त्वचा का उपवास। जो स्किन टेक्सचर को सुधारने में मददगार है। इसका मतलब है स्किन केयर प्रोडक्ट्स से एक या दो दिन का ब्रेक। वैसे ये स्किन को डिटॉक्स करने का भी सस्ता और अच्छा तरीका है, खासतौर से उन महिलाओं के लिए जो अकसर ही मेकअप में रहती हैं। जिस तरह वेट लॉस के लिए ऑयली-जंक और प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है, वैसे ही नेचुरल ब्यूटी को मेनटेन रखने और स्किन डैमेजिंग को रिकवर करने के लिए हफ्ते में एक से दो दिन बिना मेकअप के रहने की सलाह दी जाती है।
टोनर, क्लेंजर, मॉयश्चराइजर, फेस सीरम, नाइट और डे क्रीम, एसपीएफ ऐसे स्किन प्रोडक्ट्स हैं, जिनका आप लगभग रोजाना ही इस्तेमाल करती हैं। जिस वजह से स्किन को नेचुरली हीलिंग का मौका नहीं मिल पाता। अगर 1 या 2 दिन आप इन चीज़ों को न अप्लाई करें और उसके बाद इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करेंगी, तो त्वचा पर इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है।
कैसे करें फास्टिंग?
- फास्टिंग की शुरुआत रात से करें।
- सोने से पहले चेहरे को साफ करें और किसी भी तरह का प्रोडक्ट न यूज करें।
- सुबह चेहरे को गुनगुने पानी से धोएं।