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Gandhi Jayanti 2023: गांधीजी को बेहद पसंद थे ये भजन, उनके जन्मदिवस पर आप भी पढ़ें

Gandhi Jayanti 2023 हम में से कई लोग बापू के जीवन के किस्सों को सुनकर या पढ़कर बढ़े हुए हैं। गांधीजी से देश की आजादी में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। हर साल उनके जन्मदिवस पर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। ऐसे में आज हम बता रहे हैं कुछ ऐसे भजनों के बारे में जो गांधी जी बेहद प्रिय थे। तो आइए जानें इनके बारे में...

By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Mon, 02 Oct 2023 07:55 AM (IST)
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Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी अक्सर सुनते थे ये भजन
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2023: देशभर में आज सभी महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं। देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले गांधीजी का जन्म  2 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इसी दिन को देशभर में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। 

इस मौके पर स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थानों और कई जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। लोग गांधीजी को याद करते हुए उनकी जीवन से जुड़ी कई बातें सुनाते हैं, उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हैं। स्टूडेंट्स भी गांधीजी पर भाषण, कविता, गीत आदि सुनाते हैं। आज आपको गांधीजी के पसंदीदा भजन के बारे में बताएंगे। बापू इन्हें हमेशा सुना करते थे।

1. वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

पर दुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे ।।

सकल लोक माँ सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे ।।

वाच काछ मन निश्चल राखे, धन-धन जननी तेरी रे ।।

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।

समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, पर स्त्री जेने मात रे ।।

जिहृवा थकी असत्य न बोले, पर धन नव झाले हाथ रे ।।

मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ वैराग्य जेना तन मा रे ।।

राम नामशुं ताली लागी, सकल तीरथ तेना तन मा रे ।।

वण लोभी ने कपट रहित छे, काम क्रोध निवार्या रे ।।

भणे नर सैयों तेनु दरसन करता, कुळ एको तेर तार्या रे ।।

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2. साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी ...

धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई

दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई

दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई

वाह रे फकीर खूब करामात दिखाई

चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी ...

शतरंज बिछा कर यहां बैठा था ज़माना

लगता था मुश्किल है फ़िरंगी को हराना

टक्कर थी बड़े जोर की दुश्मन भी था ताना

पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना

मारा वो कस के दांव के उलटी सभी की चाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी ...

जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े

मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े

हिंदू और मुसलमान, सिख पठान चल पड़े

कदमों में तेरी कोटि कोटि प्राण चल पड़े

फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी ...

3. रघुपति राघव राजा राम

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

सुंदर विग्रह मेघश्याम

गंगा तुलसी शालग्राम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

भद्रगिरीश्वर सीताराम

भगत-जनप्रिय सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

जानकीरमणा सीताराम

जयजय राघव सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

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