Autistic Pride Day 2024: क्यों हर साल मनाया जाता है ऑटिस्टिक प्राइड डे, जानिए इसका इतिहास और महत्व
18 जून को दुनियाभर में हर साल ऑटिस्टिक प्राइड डे (Autistic Pride Day 2024) सेलिब्रेट जाता है। बता दें यह एक प्रकार का मेंटल डिसऑर्डर है जिससे पीड़ित बच्चों को खास सपोर्ट और देखभाल की जरूरत होती है। 2 साल की उम्र के बाद से ही इससे जुड़े लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आइए आपको बताते हैं कि क्यों हर साल जून में मनाया जाता है यह दिन।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Autistic Pride Day 2024: हर साल जून महीने की 18 तारीख को 'ऑटिस्टिक प्राइड डे' मनाया जाता है। बता दें, ऑटिज्म एक दिमागी डिसऑर्डर है, जो अधिकतर बच्चों में ही देखने को मिलता है। इससे पीड़ित बच्चों को लोगों से घुलने-मिलने और बोलने-चालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक ही बात को बार-बार दोहराना, चुपचाप घंटों तक बैठे रहना भी इसके लक्षणों में आता है। जाहिर है, कि इस बीमारी में न सिर्फ व्यक्ति का व्यवहार बल्कि शरीर का विकास भी प्रभावित होता है। आइए जानते हैं कि हर साल क्यों मनाया जाता है ऑटिस्टिक प्राइड डे और क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व।
क्या है ऑटिस्टिक प्राइड डे को मनाने का मकसद?
ऑटिस्टिक प्राइड डे को सेलिब्रेट करने का मकसद है ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के विकास और उनके जीवन की संभावनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करना। बता दें, कि यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर उन्हें सामान्य बच्चों से थोड़ा अलग जरूर बनाता है, लेकिन अच्छा माहौल और केयर देने पर इसे मैनेज भी किया जा सकता है। ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। बस इसी उद्देश्य से हर साल यह दिन मनाया जाता है।ऑटिस्टिक प्राइड डे का इतिहास
ऑटिस्टिक प्राइड डे को मनाने की शुरुआत ब्राजील से की गई थी। बता दें, कि पहली बार साल 2005 गैरीथ एंड एमी नेल्सन द्वारा बनाई गई एस्पिस फॉर फ्रीडम (AFF) के द्वारा ब्राजील में पहली बार इस दिन को सेलिब्रेट किया गया था, जिसके बाद से हर साल 18 जून को इसे दुनियाभर में मनाया जाने लगा।यह भी पढ़ें- क्या है ऑटिज्म और किन लक्षणों से कर सकते हैं पहचान?
क्या है इस साल की थीम?
इस साल की थीम 'टेकिंग द मास्क ऑफ' पर आधारित है, जिसका मतलब है व्यवहार, प्राथमिकताओं और दुनिया के साथ बातचीत करने के तरीकों को अपनाने पर जोर देना, यानी ऐसे सोशल प्रेशर को खत्म करना जिसके चलते ऑटिस्टिक बच्चों को समाज से छिपाने और उनके विकास को सीमित करने का काम किया जाता है।
क्या होते हैं ऑटिज्म के लक्षण?
- लोगों से घुलने मिलने में कठिनाई महसूस होना
- शब्दों को ठीक प्रकार से न बोल पाना
- मन ही मन बड़बड़ाते रहना
- एक ही बात को बार-बार रिपीट करना
- बार-बार एक ही काम को दोहराना
- अकेले और चुपचाप रहना
- शरीर के अंगों का ठीक से विकास न होना