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Chhath Puja 2023: छठी मइया इन गीतों से होती हैं प्रसन्न, हर साल घाट पर महिलाएं गाती हैं ये फेमस गाने

Chhath Puja 2023 छठ पूजा में प्रसाद के अलावा लोकगीतों का भी काफी महत्व है। इस पर्व के कुछ दिनों पहले से ही कई जगहों पर छठ पूजा के गाने सुनने को मिलते हैं। माना जाता है कि छठ पूजा का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज आपको छठ से जुड़े कुछ गीतों के बारे में बताएंगे जो काफी लोकप्रिय हैं।

By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Thu, 16 Nov 2023 04:46 PM (IST)
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Chhath Puja 2023: ये हैं छठ पूजा के फेमस गीत
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यह महापर्व खासकर बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। लोग इस पर्व की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत होती है। दूसरे दिन खरना, तीसरे और चौथे दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा में 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है।

इस महापर्व में लोकगीतों का काफी महत्व है। छठी माता के पूजा के दौरान व्रती और श्रद्धालु गीत गाते हैं, जो काफी लोकप्रिय हैं। आइए एक नजर डालते हैं छठ पूजा के इन गीतों पर।

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1. पहिले पहिल हम कईनी

छठी मईया व्रत तोहार ।

करिहा क्षमा छठी मईया,

भूल-चूक गलती हमार ।

सब के बलकवा के दिहा,

छठी मईया ममता-दुलार ।

पिया के सनईहा बनईहा,

मईया दिहा सुख-सार ।

नारियल-केरवा घोउदवा,

साजल नदिया किनार ।

सुनिहा अरज छठी मईया,

बढ़े कुल-परिवार ।

घाट सजेवली मनोहर,

मईया तोरा भगती अपार ।

लिहिएं अरग हे मईया,

दिहीं आशीष हजार ।

पहिले पहिल हम कईनी,

छठी मईया व्रत तोहर ।

करिहा क्षमा छठी मईया,

भूल-चूक गलती हमार ।

2. ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से,

ओह पर सुगा मेड़राए ।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय ।

अमरुदवा जे फरेला खबद से,

ओह पर सुगा मेड़राए ।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय ।

शरीफवा जे फरेला खबद से,

ओह पर सुगा मेड़राए ।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय ।

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से,

ओह पर सुगा मेड़राए ।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय ।

सभे फलवा जे फरेला खबद से,

ओह पर सुगा मेड़राए ।

मारबो रे सुगवा धनुख से,

सुगा गिरे मुरझाए ।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,

आदित होई ना सहाय ।

3. कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाए ,

बहंगी लचकत जाए ।

पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये …

दउरा घाटे पहुचाये ।

कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाए ,

बहंगी लचकत जाए ।

पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये

दउरा घाटे पहुचाये ।

दउरा में सजल बाटे फल फलहरिया,

पियरे पियर रंग शोभे ला डगरिया ।

दउरा में सजल बाटे फल फलहरिया,

पियरे पियर रंग शोभे ला डगरिया ।

जेकर जाग जाला भगिया उह्हे छठ घाटे आये ,

पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये ।

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Pic Credit: Instagram/mohansanjuphotography