Move to Jagran APP

Constitution Day 2024: क्या है संविधान दिवस और इसे मनाने के लिए क्यों चुनी गई 26 नवंबर की तारीख?

भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day 2024) मनाया जाता है। साल 1949 में इसी दिन हमारे देश के संविधान को अंतिम रूप दिया गया था। हालांकि पहले इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। यह परंपरा 1930 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी है जब भारतीयों ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। आइए जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:10 PM (IST)
Hero Image
हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है Constitution Day, जानिए इसके पीछे की वजह (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Constitution Day 2024: भारत में 26 नवंबर को मनाए जाने वाले संविधान दिवस की जड़ें हमारे देश के कानूनी इतिहास में काफी गहरी हैं। हम सभी जानते हैं कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद संविधान को अंतिम रूप दिया था। असल में, 26 नवंबर को पहले कानून दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इसकी शुरुआत 1930 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा के पारित होने के बाद हुई थी। इस घटना की याद में कानून दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। आइए इसके रोचक इतिहास पर नजर डालते हैं।

कब हुई संविधान दिवस मनाने की शुरुआत?

भारत में संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 1949 में इसी दिन हमारे देश ने अपना संविधान अपनाया था। डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। 

यह भी पढ़ें- जब संविधान का प्रारूप लिखने के लिए सात लोगों को चुना गया था तो फिर अकेले डॉ. आंबेडकर ने क्‍यों लिखा?

संविधान बनने के बाद 2 महीनों का इंतजार क्यों?

हम जानते हैं कि भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस बीच के दो महीनों में क्या हुआ? इस अवधि का इस्तेमाल संविधान के पाठ को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने और आम जनता के बीच इसका प्रचार करने में किया गया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि संविधान सभा ने संविधान को अंतिम रूप देने में दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन का समय लगाया। इस दौरान उन्होंने कुल 166 बैठकें कीं।

संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य डॉ. बी.आर. आंबेडकर, जो संविधान सभा के अध्यक्ष थे और देश के पहले कानून मंत्री भी रहे, को श्रद्धांजलि देना है। भारत का संविधान हमारे देश के शासन और नागरिकों के अधिकारों के लिए एक आधारभूत दस्तावेज है। इसमें उन सभी सिद्धांतों और मूल्यों को शामिल किया गया है जिन पर हमारा देश आधारित है।

संविधान दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?

संविधान दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज यानी संविधान को याद करने का दिन है। इस दस्तावेज को बनाने में डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसे महान लोगों का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने ही हमारे देश के पहले कानून मंत्री के रूप में काम किया था। संविधान हमें बताता है कि हमारी सरकार कैसे चलेगी, हमारे पास क्या अधिकार हैं और हमें क्या करना चाहिए। यह हमारे देश को एक लोकतांत्रिक देश बनाता है, जहां सभी लोगों को बराबर का अधिकार होता है।

यह भी पढ़ें- संविधान दिवस पर पहली बार होने जा रहा ये काम, जानिए क्या है खास