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Diwali 2023: श्री राम के जीवन की ये बातें भर देंगी आपके जीवन में उजाला, इस दिवाली जरूर करें इन पर अमल

दिवाली और रामायण का गहरा नाता है। ऐसा माना जाता है कि श्री राम के वनवास से लौटने के बाद पहली बार दीपावली मनाई गयी थी। रामायण श्री राम के जीवन की कहानी है जिसे ध्यान से पढ़ा जाए तो काफी कुछ सीखने को मिल सकता है। जानें रामायण से मिलने वाली कुछ सीख जो आपके जीवन में काम आ सकती हैं।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 02:30 PM (IST)
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रामायण से मिलने वाली शिक्षा, जो हैं बेहद लाभदायक
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diwali 2023: दिवाली का त्योहार शुरू हो चुका है। ऐसा माना जाता है कि सबसे पहली बार दिवाली, अयोध्या में श्री राम के वनवास से लौटने की खुशी में मनाई गई थी। इस दिन अयोध्या वासियों ने दीए जलाकर अयोध्या को रोशनी से भर दिया था और श्री राम का स्वागत किया था। तब से लेकर आज तक, दीए जलाकर दिवाली मनाई जाती है। अगर रोशनी के इस त्योहार की शुरुआत रामायण से हुई है, तो इस अवसर पर इससे मिलने वाली सीख के बारे में हमें पता होना चाहिए। चलिए इस दिवाली जानते हैं, रामायण से हमें क्या-क्या सीख मिलती है।

हमेशा अच्छाई की जीत होती है

रामायण में श्री राम ने लंकापति रावण को युद्ध में हराया था। रावण के पास सभी सुविधाएं थी, बड़ी सेना थी फिर भी, वह एक वनवासी के हाथों मारा गया था। इससे हमें यही शिक्षा मिलती है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है। इसलिए, हमें हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए और अच्छे काम करने चाहिए।

घमंड विनाश का कारण होता है

रावण प्रकांड ज्ञानी था और महादेव का बहुत बड़ा भक्त भी था। रावण एक बहुत कुशल राजनीतिज्ञ भी था, लेकिन इन सभी अच्छाइयों के बावजूद उसका अहंकार उसकी मृत्यु का कारण बना। इसलिए, जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, बल्कि आपको हमेशा विनम्र रहना चाहिए।

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लालच कभी अच्छा परिणाम नहीं देता

रावण की पत्नी मंदोदरी, दुनिया की सबसे सुंदर स्त्रियों में से एक थी। वह न केवल सुंदर थी बल्कि वह इतनी बड़ी पतिव्रता नारी थी कि रावण को अमर बनाने के लिए वह अमृत तक लेकर आ गई थी। इसके बावजूद रावण के मन में सीता को देखकर लालच ने जन्म लिया, जो उसकी पराजय का कारण बना। इसलिए कभी भी लालच में अंधा नहीं होना चाहिए और जो मिला है उसके लिए शुक्रिया अदा करना चाहिए।

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बुरी संगति विनाश को जन्म देती है

कैकेयी महाराज दशरथ की सबसे प्रिय रानी थी और राम को अपने पुत्र भरत से भी अधिक प्रेम करती थी। राम और उनके भाई भी उनका बहुत आदर करते थे। कैकेयी की दासी मंथरा का स्वभाव स्वार्थी और जलनशील था, जिसके बहकावे में आ कर कैकेयी ने राम को वनवास भेजा था, जिस वजह से उनका मान-सम्मान चला गया और परिवार और राज्य में उनकी खूब निंदा हुई। जीवनभर की कमाई हुई इज्जत बुरी संगति की वजह से खोनी पड़ गई। इसलिए हमें हमारे दोस्त हमेशा सोच समझ कर बनाने चाहिए, ताकि हमारी संगति अच्छे लोगों की रहे।

सब्र का फल मीठा होता है

शबरी राम की बहुत बड़ी भक्त थी। उनके दर्शन पाने के लिए उन्होंने जीवनभर इंतजार किया। अंत में राम स्वयं चल कर उनके पास आए थे और उनके जूठे बेर खाए थे। इससे हमें यह सीख मिलती है कि आपके जीवन के बड़े लक्ष्य पूरा होने में समय ले सकते हैं, लेकिन अगर आप उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सब्र के साथ लगातार काम करते रहेंगे, तो आपको मंजिल जरूर मिलेगी।

किसी को कम करके नहीं आंकना चाहिए

रामायण में श्री राम ने रावण के खिलाफ युद्ध में अपनी वानर सेना की मदद से विजय हासिल की थी। उन्होंने अपनी सेना में किसी को छोटा या कमजोर नहीं समझा, बल्कि सभी को बराबरी और सम्मान दिया। जिस वजह से बाकी सभी भी श्री राम को सम्मान देते थे। इससे, समझ में आता है कि जब आप दूसरों को बराबरी और सम्मान देंगे, तभी दूसरे भी आपकी इज्जत करेंगे।

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Picture Courtesy: Freepik