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Happy Easter 2023: ईस्टर के मौके पर बच्चों को तोहफे में क्यों दिए जाते हैं अंडे और चॉकलेट?

Happy Easter 2023 इस साल ईस्टर का त्योहार 9 अप्रैल को मनाया जा रहा है। क्रिस्मस की तरह ईस्टर भी ईसाई धर्म का मुख्य त्योहार है। क्या आप पर्व के इतिहास परंपरा और कहानी जानते हैं? अगर नहीं को आइए जानें ईस्टर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Sun, 09 Apr 2023 07:59 AM (IST)
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Happy Easter 2023: ईस्टर के त्योहार से अंडे, खरगोश और चॉकलेट का क्या संबंध है?
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Happy Easter 2023: ईस्टर ईसाई धर्म का एक मुख्य त्योहार है। ईसाई इस पर्व के दौरान यीशु मसीह के दोबारा जन्म लेने का जश्न मनाते हैं। बाइबल कहती है कि गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह की मृत्यु क्रॉस पर हुई थी। बाइबल के अनुसार, ईस्टर रविवार को यीशु फिर जीवित हो गए। ईस्टर हर साल अलग तारीख को आता है, आमतौर पर 21 मार्च से 25 अप्रैल के बीच, जो वसंत में पूर्णिमा कब है उस पर निर्भर करता है। इस साल ईस्टर 9 अप्रैल को मनाया जा रहा है।

ज्यादातर ईसाई आमतौर इस दिन यीशु मसीह के जीवन के विचार, प्रार्थना और उत्सव में चर्च में समय बिताते हैं, और दोस्तों और परिवार के साथ खास भोजन करते हैं।

ईस्टर के मौके पर कुछ और आधुनिक परंपराएं भी हैं जो बहुत आम हैं - जैसे ईस्टर एग्ज, ईस्टर बनी और चॉकलेट। तो आइए जानें इनका इस दिन क्या महत्व होता है।

ईस्टर एग्ज के पीछे क्या कहानी है?

हम में से कई लोगों ने ईस्टर के मौके पर चॉकलेट से बनाए गए एग्ज खूब खाए होंगे, लेकिन क्या कभी सोचा है कि अंडों का ईस्टर से क्या संबंध है? दरअसल, सालों पहले चर्च के लीडर्स

मूल रूप से चर्च के लीडर्स द्वारा ईस्टर, जिसे पवित्र सप्ताह के रूप में जाना जाता है, से पहले एक हफ्ते के दौरान अंडे खाने की अनुमति नहीं थी। तो उस हफ्ते जितने अंडे मुर्गी देती थी, उसे बचाकर रखा जाता था और पवित्र हफ्ते के लिए खास सजाया जाता था। इन सजे हुए अंडों को बच्चों को तोहफे में दिया जाता था। इस परंपरा में तब से कई बदलाव आए हैं।

ईस्टर अंडों को चॉकलेट से क्यों बनाया जाता है?

19वीं सदी में पहली बार जर्मनी और फ्रांस में चॉकलेट से अंडे तैयार किए गए, लेकिन वे काफी कड़वे और सख्त थे। जैसे-जैसे चॉकेलट बनाने की तकनीक में सुधार होता गया, वैसे-वैसे यह चॉकलेट से बने अंडे भी पॉपुलर होते गए। और आज तक इस त्योहार से जुड़ी खास परंपरा में शामिल हैं।

और फिर 'ईस्टर बनी' क्या है?

ईस्टर बनी की कहानी बुतपरस्त परंपरा से जुड़ी हुई है, और माना जाता है कि यह 19वीं शताब्दी में आम हो गई थी।

खरगोश आमतौर पर एक बार में कई सारे बच्चों को जन्म देते हैं, जिन्हें नए जीवन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जर्मनी में 1700 के दशक में बच्चे घोंसले बनाते थे, और गाजर को "ओस्टरशेस" या "ओश्टर हॉस" - यानी ईस्टर बनी के लिए छोड़ देते थे। ऐसा कहा जाता है कि ईस्टर बनी अच्छे बच्चों के लिए अंडे देता है, उन्हें सजाता है और छुपाता है, क्योंकि वे भी नए जीवन का प्रतीक हैं। यही कारण है कि बच्चे इस त्योहार का अनंद लेने के लिए ईस्टर एग हंट का हिस्सा बनते हैं।

वैसे ईस्टर बनी ये सारे काम अकेला नहीं करता! ऐसा माना जाता है कि स्विटजरलैंड में ईस्टर एग्ज को एक कोयल बच्चों तक पहुंचाती है और वहीं, जर्मनी में एक लोमड़ी यह काम करती है।

Picture Courtesy: Pexels