Halloween: हैलोवीन के दिन आत्माएं आती हैं अपने परिवार से मिलने, जानें क्या है इसकी अनोखी कहानी
हर साल 31 अक्टूबर को हैलोवीन मनाया जाता है। इस दिन लोग तरह-तरह के डरावने लिबास और मेकअप करते हैं। ज्यादातर लोग इस दिन टीवी के फेमस डरावने किरदार जैसे नन वैम्पायर ड्रैकुला आदि की तरह तैयार होते हैं और अपने पड़ोसियों के साथ ट्रिक और ट्रीट मनाते हैं। लेकिन हैलोवीन हमेशा से इस तरह से नहीं मनाया जाता था। जानें क्या है हैलोवीन का इतिहास।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 30 Oct 2023 07:20 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Halloween: हैलोवीन एक ऐसा त्योहार है, जिसमें आप अपने अंदर के छुपे हुए शैतान को बाहर निकाल सकते हैं। यह हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह क्रिशचन ऑल हैलोज फीस्ट की एक शाम पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग भूतिया कपड़े पहनते हैं, डरावना मेकअप करते हैं, बॉनफायर जलाते हैं, ट्रिक और ट्रीट में ढ़ेर सारी कैंडी खाते हैं और अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ प्रैंक्स करते हैं। यह त्योहार मस्ती और मजाक से भरा होता है, जिस वजह से कई लोगों को हैलोवीन का खास इंतजार रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं हैलोवीन की शुरूआत कैसे हुई थी और क्यों इसमें अन्य त्योहारों से हट कर भूतिया थीम पर मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है हैलोवीन?
हैलोवीन पहले स्कॉटलैंड और आयरलैंड में मनाया जाता था। यह एक सेल्टिक त्योहार है, जिसे समहैन के नाम से जाना जाता था। इसे गर्मियों के अंत और सर्दियों की शुरुआत की निशानी के रूप में मनाया जाता था। सर्दियों की शुरूआत को दिखाने के लिए बॉनफायर जलाया जाता था। ऐसा माना जाता था कि इस दिन जीवित और मृत के बीच का दरवाजा खुलता था और आत्माएं अपने परिवार जनों से मिलने आती हैं। साथ ही ऐसा भी माना जाता था कि सर्दियां साल का अंधकार और उदासी से भरा माना जाता और इस समय बुरी आत्माएं धरती पर आती हैं। उनसे बचने के लिए लोग इकट्ठा होकर बॉनफायर जलाते थे और प्रार्थना करते थे ताकि बुरी शक्तियों से उनकी रक्षा हो सके।
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क्यों पहने जाते हैं भूतिया कॉस्ट्यूम?
पहले लोग यह मानते थे कि इस दिन बुरी आत्माएं धरती पर घूमती हैं। खुद को उनसे बचाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के डरावने लिबास पहनते थे ताकि बुरी आत्माएं उन्हें पहचान न पाएं और उनसे दूर रहें। यही रिवाज तब से चला आ रहा है और आज भी लोग डरावने कॉस्ट्यूम पहनते हैं। हालांकि, अब लोग केवल मस्ती-मजाक के लिए भूतिया लिबास पहनकर एक-दूसरे के साथ मस्ती करते हैं, डरावनी फिल्में देखते हैं और कैंडी खाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि शैतान को दूर रखने के लिए कद्दू की नक्काशी की जाती थी। यह रिवाज भी ऐसे ही चल रहा है और लोग आज भी अपने घरों में कद्दू की नक्काशी की जाती है और घर को सजाते हैं।यह भी पढ़ें: करवा चौथ के दौरान रखें इन बातों का ध्यान, पूरे दिन नहीं होगा कमजोरी का एहसासWhatsApp पर हमसे जुड़ें। इस लिंक पर क्लिक करें।Picture Courtesy: Reuters